Gulab Kothari Article Sharir Hi Brahmand: मनुष्य के अतिरिक्त कोई प्राणी स्वतंत्र कर्म करने की स्थिति में नहीं होता। सभी भोग योनियां हैं। फिर मनुष्य क्यों अपनी स्वतंत्रता का उपयोग नीचे की योनियों में जाने के लिए करता है। इसका केवल एक कारण है—अहंकार। शरीर ही ब्रह्माण्ड शृंखला में सुनें पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी का यह विशेष लेख- प्रकृति से प्रभावित है मन
जयपुर•Oct 18, 2024 / 09:20 pm•
Gyan Chand Patni
Hindi News / Prime / Opinion / podcast शरीर ही ब्रह्माण्ड: प्रकृति से प्रभावित है मन
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