पत्रिका में प्रकाशित अग्रलेख-हम तो स्वतंत्र हैं!
आज लोकतंत्र को शर्म आ रही है- अपराधों का बोलबाला इतना बढ़ गया कि आज नागरिक त्रस्त हो उठा। हत्या-बलात्कार, डकैती, साइबर ठगी, डिजिटल अपराध सब आक्रामक गति से आगे बढ़ रहे हैं। पुलिस का रवैया तो हास्यास्पद लगने लगा है। न तो माफिया पर काबू कर पा रही है, न खुद को पिटाई से बचा पा रही है। अंग्रेजी की एक कहावत है- ‘इफ यू कैन नॉट विन देम, ज्वॉइन देम’ अर्थात यदि आप किसी पर काबू नहीं पा सकते, तो उसके साथ मिल जाइए। जैसे नेता पाला बदलते रहते हैं। पुलिस को आज माफिया का सहोदर माना जाने लगा है। इनकी खुद की अपनी शासन प्रणाली बन गई। ये किसी भी ट्रक को रात को चौकी पार करवा सकती है, किसी भी डायरी बदलकर कोर्ट में पेश कर सकते हैं, थाने में बलात्कार कर सकती है- भले ही महिला सिपाही ही क्यों न हो, कारें उठवा सकती है, नाइट क्लब का कवच बन सकती है, सैक्सटॉर्शन की मूक-दर्शक बन सकती है। सबके साथ-सबका विकास। काश, ये भी राज्य में अपराधों के आंकड़े पढ़ लेते। मानवता का जो अपमान, विशेषकर महिला पीड़िताओं का, थानों में होता है, शायद रावण के राज्य में भी नहीं हुआ हो। मुझे आज तक याद है सन् 2022 में एक आरपीएस अधिकारी ने पीड़िता से रिश्वत में अस्मत मांग ली थी।पत्रिका में प्रकाशित अग्रलेख-जल से सृष्टि की निरन्तरता
युवा दल तैयार हों गृह विभाग में भी कई पुलिसकर्मियों अधिकारियों के विरुद्ध शिकायतें जांच व आदेश रखे हैं। कार्रवाई कौन करे? ऊपर सीबीआई जैसे विभागों में भी वरिष्ठ अधिकारी इनके बैच के ही होते हैं। कोई भी कार्रवाई नहीं होगी। नेताओं और कुछ अधिकारियों की तो टीमें भी दिखाई दे जाएंगी। प्रभावशाली नेताओं के सैकड़ों एकड़ भूमि पर कब्जे हैं, होंगे। न्यायालय में तारीखें पड़ती रहती हैं। बयान बदलते रहते हैं या बदलने के लिए दबाव बने रहते हैं। नहीं तो झूठे मुकदमों में फंसाकर भी अपना उल्लू सीधा करते रहते हैं। अब साइबर ठगी-डिजिटल ठगों ने अपराधों के आयाम बदल दिए। हमारा अनुभव यह है कि ये ठग भी पुलिस से दूर नहीं है। पत्रिका के अभियान अब अपराधियों का पीछा करेंगे। युवा वर्ग स्थानीय स्तर पर जुड़ते जाएं तो बहुत कुछ सफलता मिल सकती है। पुलिस से अपेक्षा रहेगी इस अभियान में सहयोग करे। नेताओं की गुलामी बहुत हो गई। अपराध अब इनकी चिंता का उतना बड़ा विषय नहीं रहा, जितना कभी था। इसकी चिंता जनता को ही करनी होगी।एक ही मार्ग है। हर नगर-गांव में युवा-दल तैयार हों, संकल्प के साथ। न मादक द्रव्य गांव में घुसेंगे, न कोई अपराधी गांव में रह पाएगा। नारी शक्ति की पुनः प्रतिष्ठा होगी। फिर कोई आंख उठाकर तो देखे।