– प्रियंका माहेश्वरी, जोधपुर
फेक न्यूज ने खत्म किया भरोसा
आज के समय में सोशल मीडिया की विश्वसनीयता संदेह के घेरे में है। फेक न्यूज और पक्षपातपूर्ण जानकारी के कारण इस पर भरोसा करना मुश्किल हो गया है।
– ललित महालकरी, इंदौर
विश्वसनीयता के लिए बने कड़े कानून
सोशल मीडिया पर खबरों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने की आदत ने इसकी सच्चाई पर सवाल खड़े कर दिए हैं। फॉलोअर्स और टीआरपी बढ़ाने की होड़ में झूठी खबरों की प्रवृत्ति ने इसकी विश्वसनीयता पर असर डाला है। इस समस्या से निपटने के लिए कड़े कानून बनाना जरूरी है।
– नरेश कानूनगो, देवास, म.प्र.
हर खबर पर संदेह जरूरी
सोशल मीडिया पर हर खबर को अब संदेह की नजर से देखा जाने लगा है। झूठी अफवाहें इतनी अधिक फैलाई जाती हैं कि सही खबर भी झूठी लगने लगती है।
– प्रियव्रत, जोधपुर
फेक आईडी और भड़काऊ पोस्ट का खतरा
सोशल मीडिया पर फेक आईडी बनाकर ठगी करना, भड़काऊ भाषण देना और झूठी खबरें फैलाना आम हो गया है। चुनावों के दौरान ऐसी गतिविधियां बढ़ जाती हैं। इन पर लगाम लगाने के लिए कड़े कानूनों की आवश्यकता है।
– आलोक वालिम्बे, बिलासपुर, छत्तीसगढ़
झूठ फैलाने का माध्यम बनता सोशल मीडिया
सोशल मीडिया ऐसा प्लेटफॉर्म बन गया है, जहां से झूठी और भ्रामक खबरें तेजी से फैलती हैं। ज्यादातर लोग सही और गलत में अंतर नहीं कर पाते। सच्चाई जानने के लिए गूगल पर सर्च करके सत्यापन करना चाहिए।
– निर्मला देवी, राजगढ़
असली और नकली में फर्क करना मुश्किल
सोशल मीडिया पर नकली प्रोफाइल बनाकर ठगी और ब्लैकमेलिंग आम हो गई है। इससे जहां लोग दूर रहकर अपनों से जुड़े रहते हैं, वहीं कई जिंदगी भी बर्बाद हो रही हैं।
– एक पाठक
सोशल मीडिया पर विश्वास करना मुश्किल
आज सोशल मीडिया पर छद्म रूप से बनाए गए प्रोफाइल के कारण इसकी जानकारी की पुष्टि करना आवश्यक हो गया है। सोशल मीडिया को विश्वसनीय बनाने के लिए केवल अधिकृत मेल आईडी होल्डर्स को ही अकाउंट खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए।
– विवेक नंदवाना, कोटा
सोशल मीडिया को प्रमाणिक बनाना जरूरी
सोशल मीडिया सूचना के आदान-प्रदान का तेज माध्यम है, लेकिन फेक न्यूज और पक्षपातपूर्ण जानकारी इसकी विश्वसनीयता को प्रभावित करते हैं। जिम्मेदारी से इसका उपयोग, तथ्य-जांच और डिजिटल साक्षरता बढ़ाने से इसकी उपयोगिता सुनिश्चित की जा सकती है।
– पंकज, हनुमानगढ़