अंधविश्वास एक जटिल सामाजिक मुद्दा है, जिसे सिर्फ कानूनों से खत्म नहीं किया जा सकता। सरकारों की भूमिका इस दिशा में महत्त्वपूर्ण है, लेकिन यह एक व्यापक दृष्टिकोण की मांग करती है। इसके लिए जन जागरण की जरूरत है। -मनोहरी प्रजापत, टांकला, नागौर
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अंधविश्वास एक ऐसा मायाजाल है जिसमें लोग आसानी से फंस कर ठगे जाते हैं। कभी-कभी तो धन के साथ जान से भी हाथ धोना पड़ता है। अंधविश्वास को समाप्त करने के लिए सरकारों को व्यापक प्रचार-प्रसार के साथ अंधविश्वास फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी करनी चाहिए।
-हुकुम सिंह पंवार, टोड़ी, इन्दौर
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सरकार को जनसंचार माध्यमों, फिल्मी सितारों, खिलाडिय़ों और अन्य प्रसिद्ध हस्तियों का सहयोग लेकर अंधविश्वास के दुष्प्रभाव के बारे में लोगों को जागरूक करना चाहिए। टोना-टोटका, भूत-प्रेत जैसे अंधविश्वास को तोडऩे के लिए सख्त कानून बनना चाहिए। लोगों की मानसिकता बदलने के लिए उन्हें जागरूक करना चाहिए। उन्हें समझाना चाहिए कि अंधविश्वास मन की उपज है। जो अंधविश्वास को फैलाएं या बढ़ावा दें उन्हें सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए।
-लहर सनाढ्य, उदयपुर
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अंधविश्वास को खत्म करने के लिए सरकारें बहुत कुछ कर सकते हैं। अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाले नकली धर्म गुरुओं के भाषण रोकने चाहिए। इसके बदले विद्वानों के प्रेरणादायक भाषण लोगों तक पहुंचाने चाहिए।
-सोमकुमार नायर, धार, मप्र