कंपनी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डेरियो जिल ने कहा कि यह इंजीनियरिंग की उल्लेखनीय उपलब्धि है। आप पहले इसे लैपटॉप और सेलफोन में देखेंगे और बाद में मेनफ्रेम कम्प्यूटर (अब तक के उपलब्ध कंप्यूटरों में सबसे तीव्र और सबसे शक्तिशाली कम्प्यूटर) में। दुनिया की वित्तीय प्रणालियों की अगणितीय संख्या इसी से हल की जाती है। टैक कंपनी का कहना है कि दो नैनोमीटर की इस चिप से कम्प्यूटर की क्षमता 45% तक बढ़ जाती है और वर्तमान की सात नैनोमीटर वाली चिप की तुलना में ऊर्जा की खपत 75% तक कम हो जाती है। आइबीएम के सीईओ अरविंद कृष्णा कहते हैं कि मानव बाल की मोटाई 10,000 नैनोमीटर होती है। आप अंदाज लगा सकते हैं कि इसके फीचर्स कितने महीन होंगे। यह माइक्रोचिप वर्ष 2024 के अंत तक या 2025 में ही बाजार में आ सकेगी।
द वाशिंगटन पोस्ट