सीए प्रियेश जैन ने बताया कि 20 लाख से आय वालों पर कर का बोझ काफी कम हो गया है, जो मिडिल क्लास के लिए राहत का संकेत हैं। उन्होंने बताया कि 50 लाख से अधिक आय वालों का हिस्सा रिटर्न भरने में तेजी से बड़ा है। जिले में भी संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है। वहीं नई स्लैब के अनुसार 3 लाख की कमाई तक में टैक्स की दर 0 है। 3 से 7 लाख तक की कमाई में केवल 5 प्रतिशत है, यही वजह है कि करदाताओं की संख्या में तेजी से बढ़ रही है।
इसलिए भी बढ़ रही संख्या- आइटीआर इनकम का प्रूफ होता है। इसे सभी बैंक इनकम प्रूफ के रूप में स्वीकार करते हैं। – वीजा के लिए जब आप आवेदन करते हैं तो आपसे इनकम टैक्स रिटर्न मांगा जाता है। विदेश यात्रा में लोगों का रूझान बढ़ा है। जिसके लिए आइटीआर जरूरी है।- अगर आप खुद का बिजनेस शुरू कर रहे हैं तो आइटीआर भरना जरूरी होता है। आजकल लोगों का रूझान स्टार्टअप में बढ़ा है।
– बैंक से लोन लेने के लिए आइटीआर जरूरी है। नए टैक्स रिजीम में टैक्स स्लैबकमाई (रुपए में ) टैक्स की दर 3 लाख तक 0 प्रतिशत 3 से 7 लाख तक 5 प्रतिशत (धारा 87 ए के तहत कर रिबेट (टैक्स रिबेट)
7 लाख रुपए तक7 से 10 लाख तक 10 प्रतिशत 10 से 12 लाख तक 15 प्रतिशत 12 से 15 लाख तक 20 प्रतिशत 15 लाख से अधिक 30 प्रतिशत पुराने टैक्स रिजीम में टैक्स स्लैब
कमाई (रुपए में ) टैक्स की दर 2.5 लाख तक 0 प्रतिशत 2.5 लाख 5 लाख तक 5 प्रतिशत 5 से 10 लाख तक 20 प्रतिशत 10 लाख या इससे अधिक 30 प्रतिशतवर्शन
जिले में करदाताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। पिछले वर्ष से 5 फीसदी उछाल देखने को मिला है। अब आइटीआर भरना भी बहुत आसान है। लोग ऑनलाइन स्वंय आइटीआर भर रहे हैं। विक्रम रावत, आयकर अधिकारी