उच्च न्यायालय के आदेश का पालन नहीं करने पर जिलाधिकारी मनीष कुमार ने वद्यालयों पर एक्शन लिया है। इसके साथ ही सभी वद्यालयों को 10 दिन के अंदर जवाब देने के लिए भी कहा गया है। कोरोना के वक्त विद्यालयों ने पैरेंट्स से पूरा शुल्क वसूला था। इसके विरूद्ध अभिभावकों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। जिसके तहत स्कूलों को शुल्क वापस करने का आदेश दिया गया था। कोर्ट का कहना था कि स्कूलों को महामारी के दौरान लिए गए शुल्क का 15 प्रतिशत अभिभावकों को वापस होगा।
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शहर के नामचीन स्कूल भी शामिल
हालांकि कोर्ट आदेश के बाद भी इसका पालन नहीं किया गया। जिन विद्यालयों पर जुर्माना लगा है, उनमें जिले के कई बड़े स्कूलों के नाम शामिल हैं। कोर्ट ने माना था कि लॉकडाउन के दौरान स्कूल सिर्फ टीचिंग फीस के अलावा अन्य कोई शुल्क लेने का हकदार नहीं है।