जातिवाद का लगाया आरोप विरोध कर रहे सफाईकर्मियों ने बताया कि कुछ समय पहले नोएडा(Noida) के सेक्टर-12 से कुछ सफाईकर्मियों को निकाला गया था। प्रदर्शन कर रहे कर्मियों का दावा है कि इंस्पेक्टर और सुपरवाइजर पद पर तैनात कर्मियों को इसलिए बहाल कर दिया गया क्योंकि वो उच्च जाति थे, ब्राह्मण थे। लेकिन अब जिन कर्मियों को निकाला गया है वह छोटी जाति हैं, वाल्मीकी समाज से हैं, इसलिए उनकी बहाली नहीं हो रही है।
कोरोना काल में काम किया, अब बेरोजगार कर दिया प्रदर्शन कर रहे सफाईकर्मियों ने बताया कि जिन्हें निकाला गया है ये सभी कोरोना काल(corona) में भी अपने काम को अच्छे से किया। कई कर्मियों को कोरोना काल के दौरान स्वच्छता कार्यकर्ता के रूप में सम्मानित भी किया गया था। लेकिन अचानक से निकाल दिए जाने से सभी परेशान है। सफाईकर्मियों ने यह भी बताया कि अब उनके सामने सबसे बड़ी समस्या रोजगार है क्योंकि कुछ सफाईकर्मी ऐसे हैं जिनके परिवार का भरण-पोषण करना तक उनके लिए मुश्किल हो गया है।। सफाईकर्मियों ने कहा कि जल्द इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ(CM Yogi), राज्यापाल आनंदीबेन पटेल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM Modi) तक जाएंगे।
जाति के आधार पर हो रहा है बर्ताव प्रदर्शन(Protest) कर रहे सफाईकर्मियों के एक नेता जोगेश वाल्मीकि ने कहा कि जाति के आधार पर सफाईकर्मियों के साथ बुरा बर्ताव किया जा रहा है। छोटी जाति के कर्मचारियों का शोषण हो रहा है। हम इस मुद्दे को लेकर सीएम योगी, पीएम मोदी और अन्य आयोगों तक जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी जाति का शोषण हो रहा है। वाल्मीकि समाज के लोगों को सुपरवाइजर नहीं बनने दिया जा रहा है।
चुवान से पहले मुद्दे का हो सकता है राजनीतिकरण जागेश वाल्मीकि ने आरोप लगाते हुए कहा कि करीब 250 उच्च जाति के सफाईकर्मी(Sanitation Workers) के पद पर तैनात हैं। उच्च जाति का कोई भी कर्मचारी काम नहीं करता है, केवल हस्ताक्षर करते हैं और घर चले जाते हैं। बता दें कि सूबे में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले है। ऐसे में इन मामले का राजनीतिकरण होने की संभावना को भी नकारा नहीं जा सकता है।