बता दें कि ड्रीम वैली ख़रीदारों के नेतृत्व में 2017 में आम्रपाली के दफ़्तर के सामने लगातार 45 दिनों तक धरना प्रदर्शन दिन-रात हुआ था। जिसमें सभी प्रोजेक्ट के लोग शामिल हुए थे। तभी से लगातार ख़रीदार मांग करते रहे हैं कि सभी प्रोजेक्ट को एनबीसीसी पूरा करे। वहीं इसे लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, जबकि हजारों बायर्स आम्रपाली के अलग-अलग प्रोजेक्टों में अपना घर मिलने की आस वर्षों से लगाए बैठे हैं।
आम्रपाली बायर्स एसोसिएशन के के.के कौशल ने बताया कि टेंडर होने के बाद एनबीसीसी ने इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए तीन साल का समय दिया है और उम्मीद है की दस साल का संघर्ष तीन साल के बाद फलीभूत होगा। अगर बैंक शॉर्ट्फ़ॉल फंड को देने के लिए तैयार हो जाते हैं तो सम्भव है कि प्रोजेक्ट समय सीमा के अंदर तैयार हो जाएगा। जिस तरह से रामायण में भगवान राम का बनवास 14 साल पूरा होने के बाद उनकी घर वापसी हुई थी वैसे ही आम्रपाली ड्रीम वैली के ख़रीदारों के लगातार संघर्षों के 14 साल पूरा होने पर सभी ख़रीदार अपने फ़्लैट में गृह प्रवेश करेंगे।