यह कहा आलोक सिंह ने नोएडा के पहले पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह 1995 बैच के आईपीएस (IPS) अधिकारी हैं। हाल ही में उनका एडीजी रैंक पर प्रमोशन हुआ है। उनका जन्म 24 जनवरी 1967 को अलीगढ़ (Aligarh) में हुआ है। आलोक सिंह ने विज्ञान, भौतिकी और गणित विषय से ग्रेजुशन की है। उन्होंने मार्केटिंग और फाइनेंस में एमबीए भी किया है। मेरठ में एडीजी के पद पर तैनात रह चुके आलोक सिंह ने पुलिस कमिश्नर बनने के बाद कहा कि इस नई प्रणाली से पुलिस व्यवस्था में सुधार होगा। पीड़ितों को न्याय मिलने में देरी नहीं होगी। इस सिस्टम में कई नए प्रयोग किए जाएंगे। साइबर अपराध से लेकर शांति भंग तक के मामलों में पुलिस आरोपियों को जेल भेज सकेगी।
भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनाया सख्त रुख सीनियर आईपीएस आलोक सिंह ने नकली पेट्रोल मामले में काफी अहम भूमिका निभाई थी। इसमें शासन स्त्र पर जांच की गई थी। इसमें 11 लोगों को जेल भेजा गया था। नकली पेट्रोल मामले में दो इंस्पेक्टर भी नपे थे। इसके अलावा गौतम बुद्ध नगर के पूर्व एसएसपी वैभव कृष्ण के मामले की जांच भी आलोक सिंह को दी गई थी। दरअसल, एसएसपी वैभव कृष्ण पर एक पत्रकार ने गंभीर आरोप लगाए थे। उसके अनुसार, वायरल वीडियो मामले में उसको गिरफ्तार करने के लिए नोएडा पुलिस मेरठ आई थी। इस मामले की जांच आलाेक सिंह को दी गई थी। उनकी रिपोर्ट के आधार पर एसएसपी वैभव कृष्ण को सस्पेंड कर दिया गया था। आलोक सिंह को भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कदम उठाने के लिए जाना जाता है। उनके कार्यकाल में गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद में भ्रष्टाचार के आरोप में कई पुलिसकर्मियों पर र्कारवाई हो चुकी है।
इनको भी मिली तैनाती गौतम बुद्ध नगर में पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह के अलावा अखिलेश कुमार को अपर पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) और श्रीपर्णा गांगुली को अपर पुलिस आयुक्त (अपराध एवं मुख्यालय) की जिम्मेदारी मिली है। अखिलेश कुमार इससे पहले पीएसी मुख्यालय लखनऊ और श्रीपर्णा गांगुली कारागार प्रशासन एवं सुधार लखनऊ में तैनात थीं।