कैराना उपचुनाव: भाजपा की तरफ से उपमुख्यमंत्री ने इनके नाम पर लगाई मोहर उतरने पर देना होगा टोल 11 हजार करोड़ रुपये की लागत से बन रहे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर सोनीपत से पलवल तक दो मुख्य टोल प्लाजा बनाए गए हैं। इसमें पहला सोनीपत और दूसरा पलवल में बनाया गया है। इसके अलावा गाजियाबाद के डासना व दुहाई, बागपत के मवीकला और नोएडा के बील अकबरपुर पर टोल बनाए गए हैं। हालांकि अभी टोल दरें तय नहीं की गई हैं। इस एक्सप्रेस-वे पर टोल की वजह से जाम नहीं लगेगा। दरअसल, इस पर एंट्री करते समय आपको एक टोकन दिया जाएगा। जहां भी इस एक्सप्रेस-वे से उतरेंगे, आपसे दूरी के हिसाब से टैक्स ले लिया जाएगा। एक्सप्रेस-वे पर सड़क के बीच में कोई टोल नहीं वसूला जाएगा। एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने व उतरने के लिए बनाए गई रोटरी पर टोल प्लाजा व टोकन केंद्रों की व्यवस्था की गई है, जो मुख्य रोड से करीब 100 मीटर दूरी पर बनाए गए हैं। टोल पर स्मार्ट व्यवस्था की जाएगा।
भारत में सच हुआ सिग्नल फ्री ड्राइविंग का सपना, पहला स्मार्ट-ग्रीन हाई-वे जानिए कब हो रहा शुरू 29 अप्रैल को पीएम करेंगे उद्घाटन इस एक्सप्रेस-वे पर दिन रात
काम चल रहा है। बताया जा रहा है कि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे का उद्धाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोद्री करेंगे। इसकी तारीख भी तय हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 अप्रैल को इसका उद्घाटन करेंगे। पहले इसकी तारीख 15 अप्रैल तय की गई थी लेकिन काम पूरा न होने पाने के कारण उद्घाटन की तारीख को आगे बढ़ा दिया गया।
500 माला आैर 54 वाहनों का काफिला…इस निशानेबाज के स्वागत ने पीछे छोड़ा यूपी के मंत्रियों को! इन जिलों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेस-वे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे शुरू होने से गाजियाबाद, फरीदाबाद और ग्रेटर नोएडा समेत दिल्ली में ट्रैफिक का दबाव काफी कम हो जाएगा। केंद्रीय मंत्री
नितिन गडकरी का यह भी दावा है कि इस एक्सप्रेस-वे पर 200 साल तक गड्ढे नहीं होंगे। यह सोनीपत के कुंडली के एनएच-1 से शुरू होकर बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, फरीदाबाद से लेकर पलवल तक होगा। इसके बनने के बाद हरियाणा या उत्तर प्रदेश के जिलों से आने-जाने वाले वाहन दिल्ली में एंट्री लिए बिना ही अपनी मंजिल तक पहुंच सकेंगे।
UP के भाजपा विधायक का विवादित बयान, इस्लाम और भगवान के बीच होगा 2019 का लोकसभा चुनाव ग्रीन एक्सप्रेस-वे का दिया गया नाम एनएचएआई ने इसे ग्रीन एक्सप्रेस-वे का नाम दिया है। इसकी वजह यह है कि इसके दोनों ओर करीब ढाई लाख पेड़ लगाए गए हैं। साथ ही हर पांच से दस किलोमीटर के बीच वॉटर हार्वेस्टिंग प्रणाली लगाने की भी योजना है। इससे बारिश का पानी जमीन के अंदर चला जाएगा।
योगी की पुलिस को बड़ा झटका, फर्जी मुठभेड़ करने वालों को चुकानी पड़ेगी अब ये बड़ी कीमत दोनों ओर होगी चित्रकारी एनएचएआई के परियोजना निदेशक ने बताया कि एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ प्रकृति के नजारे, एेतिहासिक स्थलों, पर्यटन स्थलों की चित्रकारी की जाएगी। इसके साथ ही यहां सोलर एलईडी लाइटें भी लगेंगी। रोड पर हर पांच से दस किमी पर क्रेन और एंबुलेंस की व्यवस्था की जाएगी।