उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने हर वर्ष दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था। नए रोजगार देने की बात तो दूर, जिनके पास रोजगार था, वह भी छिन गए। युवाओं को रोजगार देने के बजाय केन्द्र सरकार देशवासियों को सीएए, एनआरसी और एनआरपी जैसे मुद्दों पर भटकाने में लगी है। देश के नागरिकों को सबसे पहले रोजगार चाहिए, मगर सरकार उन्हें भटकाने के लिए नए-नए कानूनों के माध्यम से उलझाने में लगी है।
वहीं यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पुरुषोत्तम नागर ने कहा कि एनएसएओ के आंकड़ों के अनुसार भारत में बेरोजगारी 45 सालों में सबसे ज्यादा है। सीएमआईई के आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर 2019 में बेरोजगारी दर बढ़कर 8.48 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। सिर्फ चार महीने में अकेले ऑटो सेक्टर से ही साढ़े तीन लाख से ज्यादा लोग बेरोजगार हुए हैं।
महानगर अध्यक्ष सहाबुद्दीन ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार हर 2 घण्टे में तीन बेरोजगार आत्महत्या कर रहे हैं। साल 2018 में12936 बेरोजगारों ने आत्महत्या की थी। यह आंकड़ा देश में किसानों की आत्महत्या से भी ज्यादा है। देश की वर्तमान समस्या घुसपैठिये नहीं, दर-दर भटकते शिक्षित बेरोजगार हैं। देश को नागरिकता रजिस्टर एनआरसी की नहीं, बल्कि बेरोजगारों के रजिस्टर एनआरयू की जरूरत है। हमारा अभियान देश के वर्तमान समय की जरूरत है और इसे पहले किसी अभियान की तुलना में बड़े पैमाने पर लांच किया जाएगा।