दरअसल, चीन से बड़ी संख्या में जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान, सिंगापुर, अमेरिका और यूरोप की कंपनियों के पलायन के चलते इन्हें उत्तर प्रदेश में जगह देने की प्लानिंग की जा रही है। इसके लिए योजना भी तैयार कर ली गई है। उत्तर प्रदेश आने वाली कंपनियों में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण को मिलेगी। इनमें फूड प्रोसेसिंग, गारमेंट और ऑटो मोबाइल कंपनियां शामिल हैं।
प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने इस बाबत बुधवार को एक संयुक्त बैठक की है। जिसमें इन कंपनियों को जमीन देने पर विस्तार से विचार किया गया। जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में आने की कंपनियों को सरकार द्वारा इंसेंटिव और कैपिटल सब्सिडी देने पर भी विचार किया जा रहा है। औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने गौतमबुद्ध नगर की तीनों विकास प्राधिकरणों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों और चेयरमैन आलोक टंडन को इस बाबत तैयारियां करने का भी निर्देश दिया है।