एक अनुमान के मुताबिक यदि सेहत और फिटनेस पर ध्यान नहीं दिया गया तो वर्ष 2025 तक आबादी के 18 फीसदी पुरुष व 21 प्रतिशत महिलाएं शिकार हो जाएगी। चिकित्सकों के मुताबिक मोटापे से प्रभावित व्यक्ति के सामान्य व्यक्ति की तुलना में गुर्दा रोग से प्रभावित होने की 83 प्रतिशत संभावनाएं अधिक रहती हैं। गुर्दा रोग विशेषज्ञ डॉ. जैन के अनुसार मोटापा और गुर्दा रोग एक-दूसरे से जुड़े है।
इसकी गंभीरता इसी से पता चलती है कि इस वर्ष विश्व गुर्दा दिवस किडनी रोग और मोटापे पर केन्द्रित है। जिन पुरुषों में पेट की परिधि 102 सेमी या महिलाओं में 88 सेमी है उनमें गुर्दे के रोग होने की आशंका अधिक होती है।
ऐसा इसलिए भी होता है, क्योंकि मोटापे से प्रभावित व्यक्तियों के शरीर में गुर्दा सामान्य अधिक रक्त को छानने लग जाता है, जिससे कि शरीर की मांग को पूरा कर सके। जागरुकता से बचाव संभव
डॉ.जैन के अनुसार अधिक कार्य करने के कारण भविष्य में गुर्दा रोग होने की आशंका अधिक हो जाती है। मोटापे के कारण ही गुर्दे के रोग का जोखिम बढ़ जाता है। उचित शिक्षा, स्वस्थ जीवन शैली और उचित पोषण-सही व्यायाम से मोटापे और गुर्दा रोगों से बचा जा सकता है।