दरअसल निवेशकों से वादा कर समय पर फ्लैट न देने और उनके लाखों रुपये डकारने वाले नोएडा के बिल्डर पर बड़ी कार्रवाई हुई है। रेरा के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने आइबीआर प्राइम आइटी एसईजेर प्र.लि के सीएमडी अनिल मिठास को रियल एस्टेट विनियमन और विकास अधिनियम 2016 (रेरा) के तहत गिरफ्तार कर लिया। मामले में एडीएम केशव कुमार ने बताया कि दादरी तहसील की राजस्व विभाग की टीम ने दादरी एसडीएम अंजनी कुमार सिंह के नेतृत्व में करीब एक करोड़ 24 लाख की रिकवरी करने के लिए ये कार्रवाई की गई। वहीं बताया जा रहा है कि बिल्डर की गिरफ्तारी के बाद उसे छुडवाने के देर रात तक जिलाधिकारी के पास प्रदेश के कई बड़े अफसरों ने सिफारिश की लेकिन डीएम ने बिल्डर को छोड़ने से इन्कार कर दिया। जिसके बाद बिल्डर के परिवार ने बकाया के पूरे पैसे जमा करा दिए और आज सुबह बिल्डर को कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद रिहा कर दिया गया।
आपको बता दें कि की भारत सरकार ने जून 2017 में एक एक्ट लागू किया जिसके चलते रियल स्टेट यानी जमीनी प्रॉपर्टी से जुड़े सभी गैर-कानूनी काम रोके पर लगाम लग सके। इस कानून के तहत बिल्डरों और प्रॉपर्टी डीलरों की ओर से लंबे समय से गैर-कानूनी रूप से निवेशकों से पैसे लिए जाने और फ्लैट्स के नाम पर घटिया क्वालिटी का कंस्ट्रक्शन दिया जाने पर शिकायत की जा सकती है। इसी के तहत नोएडा सेक्टर 63 के बी 117 स्थित आइवीआर प्राइम आइटी एसईजेड कंपनी में फ्लैट बुक कराने वाले कुछ निवेशकों ने बिल्डर के खिलाफ रेरा में मामला दर्ज कराया था। रेरा ने बिल्डर को 45 दिन के अंदर निवेशकों की रकम लौटाने का आदेश दिया था। निर्धारित अवधि में बिल्डर ने निवेशकों का पैसा नहीं लौटाया।