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XR : भारत बनेगा दुनिया का मेटावर्स कॉरिडोर

चेन्नई. वह दिन दूर नहीं जब एआइ और एमएल की लहरें एक्सआर (एक्सटेंडेंड रियलिटी ‘स्पेशियल कंप्यूटिंग वेव’) की सुनामी में दब जाएंगी। एक्सआर में ऑगमेंटेड रियलिटी और वर्चुअल रियलिटी दोनों शामिल होती हैं जिनको क्रमश: एआर और वीआर कहा जाता है। भारत को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस/मशीन लर्निंग के शुरुआती शोध में बहुत कुछ करने का अवसर नहीं […]

चेन्नईDec 18, 2024 / 04:31 pm

P S VIJAY RAGHAVAN

प्रो. एम. मणिवन्नन, प्रमुख, एक्सपेरिएंशियल टेक्नोलॉजी इनोवेशन सेंटर (एक्सटीआईसी), आइआइटी मद्रास
  • प्रो. एम. मणिवन्नन, प्रमुख, एक्सपेरिएंशियल टेक्नोलॉजी इनोवेशन सेंटर (एक्सटीआईसी), आइआइटी मद्रास
चेन्नई. वह दिन दूर नहीं जब एआइ और एमएल की लहरें एक्सआर (एक्सटेंडेंड रियलिटी ‘स्पेशियल कंप्यूटिंग वेव’) की सुनामी में दब जाएंगी। एक्सआर में ऑगमेंटेड रियलिटी और वर्चुअल रियलिटी दोनों शामिल होती हैं जिनको क्रमश: एआर और वीआर कहा जाता है।
भारत को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस/मशीन लर्निंग के शुरुआती शोध में बहुत कुछ करने का अवसर नहीं मिला, लेकिन यह एक्सआर वेव के लिए पहले से तैयार है और एक्सआर के शोध एवं विकास में दुनिया की कमान थामने में पूरी तरह सक्षम भी है।
दरअसल भारत ही एक्सआर कंटेंट का सबसे बड़ा उपभोक्ता भी होगा। इसलिए भी हमें देश की युवा पीढ़ी को एक्सआर सिस्टम डिजाइन और एक्सआर कंटेंट डेवलप करने के लिए तैयार करना होगा। जहां तक एआद मिशन की बात है इसमें देर से प्रवेश करने के कारण हम सिर्फ ‘एप्लाइड एआइ में ही योगदान दे पाए। ‘कोर एआई’ में हमारा खास योगदान नहीं रहा है। हमारे देश ही में, गर्वपूर्वक ’इसरो ’ द्वारा किए गए लॉन्चेस को 360 डिग्री में अनुभव कराया जा सकता है 7 आयुष मंत्रालय भी एक्सआर का प्रयोग अन्य चिकित्सा के विधियों का प्रशिक्षण सामूहिक रूप में व्यवहार में कर सकता है। हालांकि एक्सआर के शुरुआती दौर में जगह बना लेने से हमारे युवाओं को ‘कोर एक्सआर’ प्रौद्योगिकियों के साथ-साथ ‘एप्लाइड एक्सआर’ प्रौद्योगिकियों में कुछ बड़ा करने का अधिक अवसर मिलने वाला है।
1,000 एक्सआर स्टार्टअप

भारत में लगभग 1,000 एक्सआर स्टार्टअप हैं। हालांकि अधिकतर का ‘एप्लाइड एक्सआर’ में होना, न कि ‘कोर एक्सआर’ में काम करना अफसोस की बात है। आज ऐसे कोर्स उपलब्ध हैं जो ‘युनिटी 3 डी’ और अनरीयल इंजन उपयोग करना सिखाते हैं। ये विभिन्न एप्लीकेशन के लिए एक्सआर सिस्टम डेवलप करने वाले सॉफ़्टवेयर हैं। इंटरनेशनल प्रोजेक्ट में योगदान देने के लिए एक्सआर के फाउंडेशन पर काम करना होगा, जिसमें एक्सआर टेक्नोलॉजी के बुनियादी सिद्धांतों पर जोर दिया जाना चाहिए।
IIT Madras का योगदान

आइआइटी मद्रास इस क्षेत्र के स्टार्टअप को यही अवसर दे रहा है। इसलिए हम तो यही सुझाव देते हैं कि प्रत्येक एक्सआर स्टार्टअप अपने संसाधनों का 20 प्रतिशत फाउंडेशन पर खर्च करें। एक बार फाउंडेशन में मजबूती आ जाए तो स्टार्टअप के लिए एक्सआर में इनोवेट करना और फिर दुनिया में दबदबा बनाना आसान होगा।
भारत दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला देश है। जाहिर है यह एक्सआर कंटेंट का सबसे बड़ा उपभोक्ता हो सकता है। साथ ही यह दुनिया का ‘मेटावर्स कॉरिडोर’ बनेगा, जैसा कि दुनिया के लिए ‘भारत आइटी कॉरिडोर’ रहा है। लेकिन इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए हमारी युवा पीढ़ी को कमर कसने की जरूरत है।
बदलेगी मीडिया और मनोरंजन की दुनिया

एक्सरआर मनोरंजन (एंटरटेनमेंट) का भविष्य है। मनोरंजन उद्योग के हर चरण में एआइ के साथ-साथ एक्सआर की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। एक्सआर टेक्नोलॉजी मीडिया और मनोरंजन को नई ऊंचाई दे रही है। एक्सआर काफी इमर्सिव और इंटरेक्टिव एक्सपीरियंस देते हुए ऐसा भविष्य बना रहा है, जहां ऑडियंस कंटेंट का सिर्फ उपभोग नहीं करेंगे बल्कि कंटेंट को जीने का अनुभव पाएंगे।
एक्सआर आधारित वर्चुअल प्रोडक्शन से मूवी प्रोडक्शन में बड़ा बदलाव आएगा। आज मूवी 3 डी स्क्रीन और स्टीरियो साउंड तक ही सीमित हैं। लेकिन एक्सआर का 3 डी होने के साथ-साथ स्पेशियल साउंड मिलने से ऑडियंस को बहुत वास्तविक अनुभव मिलेगा। इसी तरह गेमिंग, एनिमेशन, कॉमिक्स के अनुभव में बड़े बदलाव की असीम संभावना है।
क्रिकेट और लाइव इवेंट

अगले कुछ वर्षों में खास कर 360-डिग्री एक्सपीरियंस आम बात होगी। कई प्लेटफार्म जैसे कि यूट्यूब और ओक्युलस 360-डिग्री वीडियो को सपोर्ट करते हैं। इसलिए इनके उपयोगकर्ता किसी भी एंगल से सीन देख सकते हैं, जिससे कंटेंट से उनका गहरा जुड़ाव होता है। जल्द ही क्रिकेट मैच और संगीत समारोह जैसे लाइव इवेंट एक्सआर में होंगे। एक्सआर की मदद से लोग दुनिया में कहीं से भी वर्चुअली कॉन्सर्ट, खेल और थिएटर देखने का अनुभव ले सकते हैं।
एक्सआर-एन्हांस्ड डिजिटल मार्केटिंग का काफी चलन होगा। एआर एप्लिकेशन इंटरैक्टिव कंटेंट देकर टीवी देखने का बेहतर अनुभव देते हैं। एआइ ड्रिवेन एक्सआर कंटेंट लोगों को निजी रुचि व प्राथमिकता के अनुसार पर्सनलाइज्ड और एडैप्टिव एक्सपीरियंस दे सकते हैं। मेटावर्स तैयार करने में एक्सआर की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इससे सामाजिक मेलजोल, मनोरंजन और व्यापार के लिए वर्चुअल स्पेस मिलेंगे।
प्रो. एम. मणिवन्नन, प्रमुख, एक्सपेरिएंशियल टेक्नोलॉजी इनोवेशन सेंटर (एक्सटीआईसी), आइआइटी मद्रास

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