तीन किलोमीटर का लंबा सफर तय करते हैं ग्रामीण, तब कहीं जाकर मिलता है पानी
बैगा बाहुल्य क्षेत्र के ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं से वंचित
बैगा बाहुल्य क्षेत्र के ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं से वंचित
जिले के जनपद पंचायत बिरसिंहपुर पाली के ग्राम सांस, कठई, छोटी तुम्मी, घुनघुटी के गांधीग्राम आदिवासियों को पेयजल समस्या से जूझना पड़ रहा है। आजादी के दशकों बाद भी इन गांवों के लोग सडक़, पानी व बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। आदिवासी पीने के नदी तालाबों के पानी का उपयोग कर रहे हैं। पेयजल के साथ ही लोगों को निस्तार के लिए भी नदी-तालाबों का सहारा लेना पड़ता है।
ग्राम सांस, कठई, घुनघुटी गांधीग्राम, छोटी तुम्मी के बैगा आदिवासी महिलाओं ने बताया कि वह एक से दो किलोमीटर जंगल में छोटी बड़ी नदी नालों व कुआं जैसी जगह से तपती धूप में पानी लाने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में दो या तीन हैंडपंप हैं जो बिगड़े हुए हैं। इस समस्या के समाधान को लेकर पीएचई विभाग भी ध्यान नहीं दे रहा है। जबकि गांव-गांव में जल जीवन मिशन के तहत पाइप लाइन दिखावे के लिए बिछा दी गई है। बैगा आदिवासियों के विकास के नाम पर सालों से करोड़ों रुपए की योजनाएं बनती आ रही है लेकिन इनका फायदा इन बैगा आदिवासियों को नहीं मिल पा रहा है।
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