बेलगाम निगम…मुद्दा उछलते ही पहुंचते है कॉलोनाइजर्स,फिर ठंडे बस्ते में फाइल
-निगम में हमेशा ही खुलते रहे अवैध कॉलोनियों के मुद्दे, कलेक्टर की भी नहीं मान रहे अधिकारी
छिंदवाड़ा.नगर निगम में अवैध कॉलोनियों के मुद्दे हर तीन माह में उठते और उछलते रहे हैं लेकिन आज तक कॉलोनाइजर्स पर कार्रवाई परवान नहीं चढ़ सकी है। चाहे कलेक्टर बोले या फिर कोई और। हमेशा ही कार्यवाही फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता रहा है।
ताजा उदाहरण प्रशासन की 24 अवैध कॉलोनाइजर्स की सूची है, जिस पर पिछले माह नगर निगम ने संबंधित कॉलोनाइजर्स को नोटिस जारी किया था। इनमें से केवल एक कॉलोनी के दो व्यक्तियों के नाम पर देहात थाना में एफआईआर दर्ज की गई है। शेष 23 कॉलोनाइजर्स के नाम गायब है। आखिर इन कॉलोनाइजर्स पर निगम की मेहरबानी हो रही है। सवाल यह है कि आखिर क्यों इन कॉलोनाइजर्स को बचाया जा रहा है, कम से कम निगम अधिकारियों को इसका जवाब तो देना होगा। वे कलेक्टर के आदेश की भी धज्जियां उड़ाते दिखाई दे रहे हैं।
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कलेक्टर ने तलघर पर भी कार्रवाई करने कहा था
देखा जाए तो कलेक्टर ने निगम आयुक्त को बिना अनुमति तलघर बनाने के मामले में भी कार्रवाई करने कहा था। परासिया रोड में 55 दुकानों को निशाना बनाने के बाद निगम की टीम ने इस मामले को छोड़ दिया है। कलेक्टर ने दो बार निगम अधिकारियों का ध्यान दिलाया, फिर भी अभी तक कोई भी रुचि दिखाई नहीं दे रही है। आगे भी निगम ने कहीं दूसरे इलाकों में पहुंचने का प्लान नहीं किया है। इससे साफ है कि कहीं न कहीं निगम अधिकारी इस मामले को प्रश्रय दे रहे हैं।
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खेत मालिक और कॉलोनाइजर अलग
पिछले साल अवैध कॉलोनी के मामले की जांच में यह तथ्य भी सामने आया है कि खेत मालिक कोई और होता है। कॉलोनाइजर एक अनुबंध कर खेत में प्लॉट काट कर बेच देते हैं। सीधे खेत मालिक और खरीददार के बीच जमीन की रजिस्ट्री करा देते हैं। इस प्रक्रिया से वे सीधे लाखों रुपए का मुनाफा कमा रहे हैं। इससे खेत मालिक फंसते हैं। कॉलोनाइजर्स साफ निकल जाते हैं। ये गोरखधंधा छिंदवाड़ा नगर और आसपास के गांवों में तेजी से फैल रहा है। निगम के अधिकारी इस पर नियंत्रण नहीं लगा पाए हैं।
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शहर की दो कॉलोनी घोषित हुई अवैध
बुधवार को निगमायुक्त ने बड़ी कार्यवाही करते हुए एक साथ दो कॉलोनी को अवैध घोषित कर दिया। इनमें दीनू पिता महादेव आलोनकर निवासी छिन्दवाडा की सोनाखार खसरा नं. 27/2 कुल रकबा 0.924 हैक्टेयर भूमि पर कालोनी विकास की अनुज्ञा लिए बिना भूमि का उप विभाजन कर विक्रय किया जा रहा था। दीनू आलोनकर के नाम से कोई कॉलोनाइजर लाइसेंस नहीं पाया गया। सक्षम प्राधिकारी से कोई विकास अनुमति नहीं ली गई है और न ही कालोनी में सडक़ नाली पानी की समुचित व्यवस्था की गई है। इसी तरह सर्किला पति झनकलाल के खजरी स्थित कुल रकबा 3 हैक्टेयर भूमि पर कालोनी विकास की अनुज्ञा लिए बिना भूमि का उप विभाजन कर विक्रय किया जा रहा है। इन्हें अनाधिकृत कालोनी घोषित किया गया।
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दो और कॉलोनाइजर्स पर एफआईआर
निगम की अवैध कॉलोनाइजर्स पर कार्यवाही निरंतर जारी है। हमने दो और कॉलोनाइजर्स के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए हैं। इनमें सर्किला पति झनकलाल खजरी रोड और दीना आलोनकर सोनाखार शामिल है। जल्द ही उपयंत्री थाने पहुंचकर शिकायतें दर्ज कराएंगे।
-सीपी राय, आयुक्त नगर निगम।
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