लंदन की 78 महिलाओं पर किया परीक्षण लंदन में इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर रिसर्च के शोधकर्ताओं ने अलग-अलग तरह के ब्रेस्ट कैंसर वाली 78 मरीजों का परीक्षण किया। इनमें से 11 महिलाओं में सर्कुलेटिंग ट्यूमर डीएनए पाया गया। इन सभी को दोबारा ब्रेस्ट कैंसर हुआ था। बाकी महिलाओं में किसी को दोबारा कैंसर नहीं हुआ। अल्ट्रा ब्लड टेस्ट के जरिए लक्षण दिखने से 15 महीने पहले ही कैंसर का पता लगाया जा सकता है।
भारत में 2.16 लाख महिलाएं चपेट में ब्रेस्ट कैंसर की मरीज महिलाएं दुनियाभर में बढ़ रही हैं। भारत के ग्रामीण और शहरी इलाकों में 2022 तक करीब 2.16 लाख महिलाएं इसकी चपेट में थीं। एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में 2020 में ब्रेस्ट कैंसर के 1,78,361 मामले सामने आए। इस बीमारी की मरीज 1990 से 2016 तक 39.1त्न बढ़ चुकी थीं। देर से कैंसर का पता चलने से जोखिम बढ़ जाता है।