-डीपीसी, नई व क्रमोन्नत स्कूलों में पदों की मंजूरी व थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादले नहीं होने से स्कूलों में बिगड़ा शिक्षकों का अनुपात सीकर. नई व क्रमोन्नत स्कूलों में नए पदों की स्वीकृति, पदोन्नति व थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादले नहीं होने से प्रदेशभर के करीब 20 हजार शिक्षक वेतन के लिए भटकने को […]
सीकर•May 14, 2024 / 11:49 am•
Sachin
सीकर. नई व क्रमोन्नत स्कूलों में नए पदों की स्वीकृति, पदोन्नति व थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादले नहीं होने से प्रदेशभर के करीब 20 हजार शिक्षक वेतन के लिए भटकने को मजबूर है। वेतन के लिए रिक्त पद नहीं मिलने की वजह से उन्हें दूसरे स्कूलों के अलावा दूसरे जिलों तक में चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। आलम ये है कि वेतन के लिए शिक्षकों को हर महीने खाली पदों की तलाश कर शिक्षा विभाग में आवेदन करना पड़ रहा है। जिससे उनकी बेवजह उर्जा खर्च होने के साथ इसका असर प्रवेशोत्सव पर भी पड़ रहा है। वहीं, शिक्षा विभाग के लिए भी ये वेतन व्यवस्था बड़ा सिरदर्द बन गई है। क्योंकि वेतन व्यवस्था के आदेश नियुक्ति अधिकारी द्वारा रिक्त पद से किए जाते हैं।हालात यहां तक बिगड़ गए हैं खाली पद नहीं मिलने पर शिक्षा विभाग थर्ड ग्रेड शिक्षकों को भी व्याख्याता व प्राचार्य के खाली पदों से वेतन दे रहा है।यूं बढ़ी परेशानीवेतन व्यवस्था बिगडऩे का मुख्य कारण पिछली सरकार में शिक्षकों की डीपीसी और क्रमोन्नत स्कूलों में नए पदों की वित्तीय स्वीकृती जारी नहीं करना रहा। इसके अलावा थर्ड ग्रेड शिक्षकों का तबादला नहीं करने पर भी पद खाली नहीं हो सके। ऊपर से नई भर्ती के शिक्षक और महात्मा गांधी स्कूलों में दूसरे जिलों से आए शिक्षकों से अधिशेषों की संख्या ज्यादा हो गई। लिहाजा पदों के मुकाबले शिक्षकों का संतुलन बिगड़ गया।
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