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यात्रियों को बैठने कुर्सी, पीने पानी तक नहीं मिला, बच्चे जमीन पर लेटे मिले

सागर. प्रशासन ने अपनी जिद पूरी कराने तुगलकी फरमान जारी कर दो दिन बस स्टैंड को शहर के बाहर तो शिफ्ट करा दिया है। इसका खामियाजा अब यात्री भुगत रहे हैं। शिफ्टिंग के बाद पत्रिका ने नए बस स्टैंड पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया तो देखा कि यात्रियों को बैठने न तो कुर्सियां हैं […]

सागरMay 14, 2024 / 12:23 pm

Madan Tiwari

सागर. प्रशासन ने अपनी जिद पूरी कराने तुगलकी फरमान जारी कर दो दिन बस स्टैंड को शहर के बाहर तो शिफ्ट करा दिया है। इसका खामियाजा अब यात्री भुगत रहे हैं। शिफ्टिंग के बाद पत्रिका ने नए बस स्टैंड पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया तो देखा कि यात्रियों को बैठने न तो कुर्सियां हैं और न ही इस भीषण गर्मी में सूख रहे गले को तर करने के लिए बस स्टैंड पर पानी मिला। महिला यात्री बस स्टैंड परिसर में जमीन पर बैठी नजर आईं तो हार-थककर बच्चे जमीन पर ही लेट गए।
इतना ही नहीं इस भीषण गर्मी में यात्रियों को गर्मी से राहत दिलाने पर्याप्त कूलर-पंखों की भी व्यवस्था नहीं की गई है। जिसके कारण लोग पूरे दिन परेशान रहे। वहीं सिविल लाइन-तिली मार्ग पर यातायात का दबाव बढ़ने से हादसों की आशंका भी व्यक्त की जा रही है। इन सब समस्याओं के बाद भी प्रशासनिक अधिकारी नए बस स्टैंड पर सभी सुविधाएं होने का झूठा ढिंढोरा पीट रहा है।-

आरटीओ कार्यालय वाले स्टैंड की हालत खराब

नए बस स्टैंड के नाम पर यात्रियों और बस ऑपरेटर्स को फिलहाल एक सुव्यवस्थित स्ट्रक्चर ही मिला है। सबसे बुरे हाल आरटीओ कार्यालय के पास तैयार हुए बस स्टैंड पर नजर आए। प्रशासन ने यात्रियों के लिए यहां पानी पीने के लिए मटके तो रखे हैं, लेकिन उनमें बूंद भर भी पानी नहीं था। पहाड़ी से लगा हुआ क्षेत्र होने के कारण यहां गर्मी का असर भी ज्यादा है। अचानक से हुई शिफ्टिंग के कारण बस स्टैंड की कैंटीन सहित अन्य दुकानें नहीं खुल पाई हैं और आसपास खाने-पीने की सामग्री की कोई ठीक-ठाक दुकान भी नहीं है।

– पुरानी कुर्सियों पर रंगरोगन कर रखा

नए बस स्टैंड पर प्रशासन ने शिफ्टिंग के पहले यात्रियों को बैठने कुर्सी तक नहीं रखवाई हैं। पुराने बस स्टैंड पर रखी कुछ कुर्सियों को ही शिफ्ट किया गया है, लेकिन वह भी टूटी-फूटी हैं। सोमवार को दोपहर में कुछ कर्मचारी पुरानी कुर्सियों पर रंगरोगन करते भी नजर आए।

– लोगों ने बताई परेशानियां

मैं रहली से गल्र्स डिग्री कॉलेज में पढऩे के लिए आती हूं। हर रोज दोपहर में 12 बजे तक बस से सीधे कॉलेज पहुंच जाती थी, लेकिन आज दोपहर का एक यहीं बज गया है। अब कॉलेज जाने साधन नहीं मिल रहा है।
स्वाति कुर्मी, छात्रा

बाजार का कुछ काम लेकर रहली के पास विजयपुरा गांव से आया हूं, आधे घंटे से पानी के लिए भटक रहा हूं, लेकिन न तो मटकों में पानी है और न ही यहां लगे नल से पानी आ रहा है।
जितेंद्र राजपूत, यात्री

प्रशासन ने इतनी जल्दबाजी में बस स्टैंड की शिफ्टिंग कराई कि हम बेरोजगार हो गए। पुराने बस स्टैंड पर बसों के सुधार का काम करता था, अब यहां कहां दुकान खोलूंगा, जगह मिलेगी या नहीं पता ही नहीं चल रहा।
मोहम्मद राजा खान, मिस्त्री

भोपाल जाने के लिए सुबह बांदरी से निकला था, बस ने सदर स्थित झांसी बस स्टैंड पर छोड़ दिया था। बांदरी से सागर आने में सौ रुपए लगे और वहां से नए तक लाने में ऑटो चालक ने सौ रुपए ले लिए।
आकाश लोधी, यात्री

– कलेक्टर बोले व्यवस्थाएं दुरुस्त करेंगे

बस स्टैंड पर शिफ्टिंग के बाद सभी सुविधाएं मुहैया कराई जा रहीं हैं। पहले दिन पेयजल की समस्या सामने आई है, जिसे दूर किया जाएगा। कुछ समस्याएं भी निकलकर सामने आ रहीं हैं जिनका निराकरण किया जाएगा।
दीपक आर्य, कलेक्टर

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