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 झील में उतारी नई डीविडिंग मशीन, चार गुना ज्यादा काम करेगी

दो फीट गहरे पानी में भी कर सकेगी काम अजमेर. आनासागर झील को जलकुंभी से निजात दिलाने के लिए मुंबई से रवाना हुई डीविडिंग मशीन बुधवार दोपहर करीब चार बजे अजमेर पहुंच गई। डीविडिंग मशीन को घाटी वाले बालाजी के सामने आनासागर के रामप्रसाद घाट के पास से झील में उतारा जाकर जलकुंभी निकालना शुरू कर […]

अजमेरApr 24, 2024 / 09:41 pm

Dilip

दो फीट गहरे पानी में भी कर सकेगी काम

अजमेर. आनासागर झील को जलकुंभी से निजात दिलाने के लिए मुंबई से रवाना हुई डीविडिंग मशीन बुधवार दोपहर करीब चार बजे अजमेर पहुंच गई। डीविडिंग मशीन को घाटी वाले बालाजी के सामने आनासागर के रामप्रसाद घाट के पास से झील में उतारा जाकर जलकुंभी निकालना शुरू कर दिया गया। मशीन से पुरानी मशीन की तुलना में चार गुना अधिक मात्रा में जलकुंभी निकाले जाने का दावा किया जा रहा है। राजस्थान पत्रिका ने 22 अप्रेल के अंक में ही मुंबई से नई मशीन अजमेर रवाना होने संबंधी समाचार प्रकाशित कर दिया था। बुधवार को मशीन झील में उतार दी गई।
झील के बीच से होगी सफाई

झील के मध्य से अब जलकुंभी को किनारे पर लाया जाएगा। पिछले करीब एक माह से चार पोकलेन से कार्य किया जा रहा था लेकिन सिर्फ किनारों से ही सफाई की जा रही थी। हवा के बहाव से जलकुंभी के आए दिन जगह बदलने से इसे निकालने में परेशानी हो रही थी।
नई मशीन इसलिए खास

– बकेट 8 फुट चौड़ी, पुरानी मशीन की 4 फीट चौड़ी थी

इंजन 5500 एचपी का, पुरानी मशीन का 32 एचपी इसलिए गति तेज रहेगी

– डेढ़ से दो फिट पानी भी चलेगी, पुरानी मशीन गहरे पानी में ही सफल
– एक चक्र पन्द्रह मिनट में करीब सवा डंपर जलकुंभी निकालेगी

– कीमत करीब 2.20 करोड़

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पोकलेन मशीन के ट्रांसपोर्टेशन पर ही फुंक रहा था हजारों लीटर डीजल

बांडी नदी व राम प्रसाद के सामने लगे ढेर

अजमेर. हवा के रुख के साथ जलकुंभी के दिशा बदलने के कारण पोकलेन मशीनों को भी ट्रेलर के जरिए कभी क्रिश्चियनगंज स्थित मॉल,कभी राम प्रसाद घाट, कभी रीजनल कॉलेज चौपाटी, कभी जेटी पर स्थानांतरित करना पड़ा रहा है। इसके परिवहन में ही हजारों लीटर डीजल प्रतिदिन फुंक रहा है। लेकिन इसका कोई विकल्प नहीं नजर आ रहा था। नई मशीन से इस खर्च में कोई फर्क आने की संभावना है।
जलकुंभी को फिलहाल बांडी नदी के पास बने रिक्त भूखंड पर तथा राम प्रसाद घाट के सामने खुली जमीन पर खाली किया जा रहा है। इसे सूखने के बाद ट्रेंचिंग ग्राऊंड ले जाने की बात कही जा रही है। मानसून से पहले इन्हें नहीं हटाया गया तो यह पानी के साथ बहकर फिर झील में जा सकती है।
वेंडर्स भी डाल रहे कचरा

नगर निगम ने झील किनारे वेंडिंग जोन घोषित कर रखे हें। पुरानी चौपाटी, सेवन वंडर के आसपास, रीजनल कॉलेज चौपाटी आदि क्षेत्र में ठेले-खोमचे वाले खड़े होते हैं। रात्रि में ठेला बंद करने के बाद गंदगी, बचा हुआ खाद्य अपशिष्ट झील में डाल देते हैं। जिससे झील में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ती है और जलकुंभी को पोषण मिलता है।
इनका कहना है

जिला कलक्टर से आग्रह किया था। चुनाव आचार संहिता होने के बावजूद विशेष अनुमति लेकर मशीन की विधिवत क्रय करने की प्रक्रिया कुछ ही दिनों में पूरी कर ली। मशीन ने काम करना शुरू कर दिया है।
ब्रजलता हाड़ामहापौर, नगर निगम अजमेर।

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