scriptरात 2 बजे कर्तव्य पथ पर तेंदुआ, ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मियों के हलक में आए प्राण | Leopard on duty path at 2 o'clock in the night, life of security personnel deployed on duty in danger | Patrika News
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रात 2 बजे कर्तव्य पथ पर तेंदुआ, ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मियों के हलक में आए प्राण

डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय में लगातार तेंदुआ का मूवमेंट हो रहा है। बुधवार की रात करीब 2 तेंदुआ जंगल से बाहर निकलकर सेंट्रल लाइब्रेरी के पास कर्तव्य पथ पर पहुंचा।

सागरOct 25, 2024 / 01:51 pm

Madan Tiwari

– वन विभाग चाहकर भी नहीं कर सकता तेंदुआ का रेस्क्यू

सागर. डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय में लगातार तेंदुआ का मूवमेंट हो रहा है। बुधवार की रात करीब 2 तेंदुआ जंगल से बाहर निकलकर सेंट्रल लाइब्रेरी के पास कर्तव्य पथ पर पहुंचा। लाइब्रेरी के आसपास लाठी के सहारे ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने तेंदुआ को घूमते देखा तो उनके हाथ-पैर ढीले पढ़ गए। इसके बाद जब उन्होंने शोर मचाया तो तेंदुआ घाट रोड से होते हुए जंगल की ओर भाग गया। यह पहली बार नहीं है जबकि सुरक्षाकर्मियों को रात के समय तेंदुआ का मूवमेंट नजर आया हो। इसके पहले हॉस्टल, केंद्रीय विद्यालय, गल्र्स हॉस्टल के पास पोस्ट ऑफिस व प्रोफेसर व अधिकारियों के आवासों के आसपास भी तेंदुआ नजर आया है।

– देर रात पहुंची वन विभाग की टीम

सुरक्षाकर्मी ने बताया कि जब उन्होंने तेंदुआ देखा तो वे डर गए। उनको समझ ही नहीं आया कि वे मोबाइल निकालकर उसके फोटो-वीडियो बना लें। तेंदुआ के जंगल की ओर जाने के बाद उन्होंने तत्काल सूचना अपने अधिकारियों और वन विभाग को दी, जिसके बाद देर रात वन अमला भी विश्वविद्यालय पहुंच गया। सुरक्षाकर्मियों का कहना था कि इसके बाद तो उनकी पूरी रात दहशत में गुजरी।

– वन विभाग के पास नहीं एक्सपर्ट

विश्वविद्यालय के जंगल में तेंदुआ के मूवमेंट की खबर के बाद हर रोज वन अमला परिसर व जंगल में सर्चिंग कर रहा है। इसको लेकर जब पड़ताल की तो पता चला कि वन विभाग चाहकर भी तेंदुआ का रेस्क्यू नहीं कर सकता है। यदि उनके सामने तेंदुआ आ भी जाता है तो उनके पास न तो रेस्क्यू दल है और न ही वह एक्सपर्ट हैं जो तेंदुआ को ट्रेंक्युलाइज कर सकें। जब कभी बाघ, तेंदुआ या अन्य किसी हिंसक वन्यजीव का रेस्क्यू करना होता है तो सागर जिला पन्ना व बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व या भोपाल मुख्यालय के भरोसे ही रहता है।

– सर्तकता ही बचाव है

बाघ आमतौर पर शिकार के बाद जंगल में आराम करते हैं। वह किसी को सामने देखकर भी नहीं भागते, लेकिन तेंदुआ मानव की आहट मिलते ही भाग जाता है। हमारा प्रयास यही है कि तेंदुआ किसी को नुकसान न पहुंचाए। उसका रेस्क्यू नहीं होगा। लोगों का सतर्क रहना जरूरी है।
रवि सिंह, रेंजर, दक्षिण वन मंडल

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