यूरोपीय आयोग ने कहा कि फेसबुक और इंस्टाग्राम ऐसे एल्गोरिदम का इस्तेमाल कर रहे हैं वह बच्चों की अनुभवहीनता और कमजोरी का फायदा उठाकर उन्हें व्यसनी व्यवहार के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। यूरोपीय आयोग की जांच खत्म करने की कोई समय सीमा नहीं है। यदि जांच में मेटा को दोषी पाया जाता है तो नियमानुसार कंपनी के वार्षिक विश्वव्यापी राजस्व का छह फीसदी तक जुर्माना लगाया जा सकता है। यूरोप में 13 साल से अधिक उम्र के बच्चों को ही सोशल मीडिया के इस्तेमाल की अनुमति है।
यूरोपीय आयोग को शक है कि मेटा डिजिटल सेवा अधिनियम (डीएसए) का पूरी तरह पालन नहीं कर रहा है। डीएसए के तहत बाल संरक्षण पर और ज्यादा ध्यान केंद्रित करते हुए नई जांच शुरू की गई है। इससे पहले बच्चों की सुरक्षा चिंताओं को लेकर इस साल टिकटॉक की भी जांच शुरू हुई थी। आयोग ने कहा कि उसे चिंता है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की प्रणालियों का इस्तेमाल करने वाले बच्चों पर कथित ‘रैबिट होल’ प्रभाव होता है जो उसे परेशान करने वाले कंटेंट की ओर ले जाता है।
हो रहा है आयु सत्यापन? – आयोग जांच करेगा कि बच्चों को फेसबुक या इंस्टाग्राम तक पहुंच रोकने या अनुचित सामग्री दिखाने के लिए आयु सत्यापन टूल का ठीक से उपयोग किया जा रहा है या नहीं।
– आयोग यह जांचेगा कि सोशल मीडिया कंपनी ने क्या नाबालिगों के लिए उच्च स्तर की गोपनीयता और सुरक्षा के लिए बनाए गए डीएसए नियमों का अनुपालन कर रही है या नहीं। – आगामी चुनावों में विदेशी दुष्प्रचार रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने की चिंताओं को लेकर पहले से ही सोशल मीडिया की जांच कर रहा है। एक्स और ईकॉमर्स साइट अलीएक्सप्रेस की भी जांच की जा रही है।