अभाव में बीता बचपन, अब करना चाहते हैं मदद
अंबेडकर कॉलोनी निवासी रामावतार मीणा ने बताया कि उनका बचपन खराब माली हालत में बीता है। परिवार के पास पर्याप्त रुपए नहीं होने पर वे कॉलेज में नियमित पढ़ाई नहीं कर पाए थे। ऐसे में प्राइवेट फार्म भरकर ही उन्होंने एमकॉम तक पढ़ाई की। फिर पोस्ट आफिस की नौकरी से आगे बढ़ते हुए वे एलआइसी के एडीएम पद तक पहुंचे। ऐसे में उन्हें अभावों से जूझने वाले लोगों की पीड़ा का अनुभव है। कानूनी मामले उनकी परेशानी और पेचीदा कर दते हैं। लिहाजा उनकी कानूनी मदद के लिए उन्होंने सेवानिवृत्ति के बाद एलएलबी की।
एलएलएम के लिए किया आवेदन
अभावग्रस्तों की कानूनी मदद भी वे सही ढंग से कर सके इसके लिए वे कानूनी पढ़ाई में विशेषज्ञता हासिल करना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने अपनी पढ़ाई आगे भी जारी रखना तय किया है। जयपुर की डॉ. भीमराव अंबेडकर लॉ यूनिवर्सिटी से एलएलबी के बाद उन्होंने एलएलएम की नियमित पढ़ाई के लिए भी आवेदन कर दिया है।सेवानिवृत्ति के बाद सेवा ही लक्ष्यबकौल रामावतार मीणा इस उम्र में पढ़ाई से वे समाज को संदेश देना चाहते हैं कि पढ़ने व सेवा करने की कोई उम्र नहीं होती। सेवानिवृत्ति किसी निश्चित सेवा से निवृत्ति का नाम है। समाज व देश की सेवा में सेवानिवृत्ति व उम्र बाधा नहीं बनते।