एसआइ अरूणपाल सिंह ने कहा कि मोबाइल फोन पर भूलकर भी जरूरी पासवर्ड नहीं रखें। हैकर आसानी से इन तक पहुंच सकता है। स्पेम मेल या अनधिकृत लिंक मोबाइल या लैपटॉप में आती हैं तो उन्हें क्लिक नहीं करें। लैपटॉप को हैक करना ज्यादा आसान होता है। ऐसे में इसका उपयोग करने के लिए सबसे पहले एंटी वायरस जरूर डालें। हैकर यदि असुरक्षित फाइल भेजता है तो साफ्टवेयर उसे नष्ट कर देता है। किसी भी चीज का पासवर्ड सरल नहीं बनाएं, उसमें शब्द, अंक और विशेष चिन्ह शामिल करें।
बताया कैसे करें ठगी से बचाव
इस दौरान मौके पर मौजूद लोगों ने पुलिस अफसरों से सवाल भी किए। पूछा कि यदि वे ठगी का शिकार हो जाते हैं तो इससे बचाव कैसे करें। इस पर एसआइ महेन्द्र जायसवाल ने कहा कि पहली बात तो यदि आपके साथ साइबर ठगी हो जाती है तो सबसे पहले साइबर पुलिस को कॉल करें। मोबाइल और लैटटॉप को री स्टार्ट कर दें। ऐसे में हैकर का दोबारा जुडऩा कठिन हो जाता है। डराने या धमकाने वाला मैसेज या कॉल आने पर बातों को छिपाएं नहीं। इससे हैकर आपकों को ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। प्रधान आरक्षक अजीत मिश्रा ने बताया कि अगर साइबर ठगी का शिकार होते हैं तो इस घटना से तत्काल अपने बैंक के कस्टमर केयर पर सूचना दे और बैंक से ट्रांजक्शन ब्लाक करने या रिवर्स करने की रिक्वेस्ट करें। इसके साथ ही साइबर क्राइम में रिपोर्ट करें और 1930 पर काल करे, यह नेशनल हेल्पलाइन नंबर है।
- मजबूत पासवर्ड बनाएं, हमेशा 12 से 16 कैरेक्टर का पासवर्ड रखें इसमें अपर और लोअर केस, नंबर और विशेष चिन्ह का उपयोग करें
- हर अकाउंट के लिए अलग पासवर्ड बनाएं
- पासवर्ड को समय-समय पर बदलते रहें।
- प्राइवेसी सेटिंग्स का इस्तेमाल करेेंं।
- अपने प्रोफाइल की जानकारी सीमित करेेंं।
-संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें। - पब्लिक वाई फाई से बचेें।
-ऑनलाइन बैंकिंग या पासवर्ड डालने वाले काम पब्लिक वाई-फाई पर न करें।
-संदिग्ध ईमेल और मैसेज से सावधान रहें।
-अनजान ईमेल या मैसेज लिंक पर क्लिक न करें।