बुरहानपुर में अवैध कॉलोनियों का जाल, सर्वे में 195 से अधिक मिली अवैध कॉलोनियां
– शासन के आदेश के बाद भी एफआइआर में देरी
बुरहानपुर. शहर सहित आसपास के गांव में अवैध कॉलोनियां काटने वालों पर प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है, लेकिन दो कॉलोनियों में जेसीबी चलाने के बाद शनिवार को यह कार्रवाई थम गई। जबकि इस तरह पूर्व में भी राजस्व अमले ने सर्वे कर 195 अवैध कॉलोनियों को चिन्हित किया था, जिन्हे नोटिस जारी करने के बाद अभी तक बड़ी कार्रवाई नहीं करने से कॉलोनाइजरों के हौसले बुलंद है।
दरअसल मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई कर कॉलोनाइजरों के खिलाफ एफआइआर के कराने के निर्देश दिए है। जबकि जिले में भी बड़ी मात्रा में कृषि भूमियों पर बिना डायवर्सन, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की बिना अनुमति के ही जमीनों पर छोटे,छोटे भूखंड में कॉलोनियां काटी जा रही है।शहर से लगे अंचलों में कॉलोनियां विकसित करने के लिए खेतों की भूमियों की डिमांड भी अधिक है। मूलभूत सुविधाएं देने का वादा कर प्लाट विक्रय करने के बाद भी सुविधाएं नहीं देने की कई शिकायतें प्रशासन के बाद पहुुंचने के बाद भी लंबे समय से बड़ी कार्रवाई नहीं की गई।
दो कॉलोनियों पर कार्रवाई, एफआइआर नहीं
एसडीएम पल्लवी पुराणिक ने राजस्व अमले के साथ मोहम्मदपुरा क्षेत्र में दो अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई कर जेसीबी चलाई। एक कॉलोनाइजर के खिलाफ थाने में एफआइआर के निर्देश भी दिए,लेकिन यह निर्देश अभी तक कागजों तक ही सीमित है। प्रतिवेदन नहीं पहुंचने से एफआइआर तक नहीं हो रही है। जबकि दूसरे कॉलोनी के खिलाफ भी तहसीलदार न्यायालय में अतिक्रमण का प्रकरण दर्ज करना है। दो अवैध कॉलोनियों पर लगातार कार्रवाई होने के बाद अन्य कॉलोनाइजरों में भी हडक़ंप मच गया।
195 कॉलोनियों हुई थी चिन्हित
पूर्व कलेक्टर प्रवीण सिंह के आदेश पर राजस्व अमले ने जिलेभर में सर्वे कर कृषि भूमियों पर बिना अनुमति एवं एडडीएम डायवर्शन पर काटी जा रही कॉलोनियों का सर्वे किया था। बुरहानपुर राजस्व सीमा में 195 से अधिक कॉलोनियों अवैध मिलने के बाद भी कार्रवाई सिर्फ नोटिस तक ही सीमित रह गई थी। बड़ी कार्रवाई नहीं होने से कॉलोनाइजरों के हौसले बुलंद है। कृषि भूमियों पर धड़ल्ले से अवैध कॉलोनियां काटी जा रही है। इनामी लालच देकर सस्ती किमतों में प्लॉट बेचकर धोखाधड़ी तक कर रहे है।
लाइसेंस, डायवर्शन, प्रशासन की अनुमति जरूरी
कॉलोनी कटने के लिए एक कॉलोनाइजर का लाइसेंस, जमीन का डायवर्शन, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से पास नक्शा, नजूल एनओसी, तहसीलदार, एसएलआर रिपोर्ट और कलेक्टर द्वारा जारी विकास मंजूरी होना जरूरी है, जबकि निगम एवं पंचायत से नक्शा पास होना चाहिए।
ऐसा है अवैध कॉलोनियां का जाल
सर्वाधिक अवैध कॉलोनियां निगम सीमा क्षेत्र में और आसपास के ग्रामीण लोकेशन पर हैं। इनमें से 35 अवैध कॉलोनी शहरी क्षेत्र में है, जो निगम ने चिह्नित की है, जिनका निर्माण 2016 के पहले का है। लेकिन अब देखा जाए तो दर्जनों अवैध कॉलोनियां कट चुकी है। वैध कॉलोनी बनाते समय जमीन के 55 से 6 0 फीसदी हिस्से में ही प्लॉट काटे जा सकते हैं। शेष 40 से 45 फीसदी हिस्से में सडक़, सीवर, पार्क और विद्युत आदि के विकास कार्य कराने होते हैं। जबकि अवैध कॉलोनी में कॉलोनाइजर अधिक कमाई की लालच में 8 0 फीसदी हिस्से पर प्लॉट काट देता है। पानी, बिजली से लेकर सीवरेज की समस्या होने पर भी समाधान नहीं किया जाता है।
– अवैध कॉलोनियों की शिकायतें मिलने पर कार्रवाई की जा रही है, अवैध कॉलोनियों का अगर पूर्व में सर्वे हुआ है तो रिकार्ड निकलवाते है, दोबारा से सर्वे कराकर कार्रवाई करेंगे।
पल्लवी पुराणिक, एसडीएम बुरहानपुर
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