scriptभारत में हर घंटे 240 लोगों की जान ले रहा वायु प्रदूषण, इनमें 20 बच्चे | Air pollution is killing 240 people every hour in India, 20 of them are children. Worrying statistics: Air pollution is killing 240 people every hour in India, 20 of them are children. | Patrika News
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भारत में हर घंटे 240 लोगों की जान ले रहा वायु प्रदूषण, इनमें 20 बच्चे

रिपोर्ट कहती है वर्ष 2021 में वायु प्रदूषण से दुनिया में 81 लाख मौतें हुईं। इनमें से आधी मौतें चीन और भारत में हुई हैं। चीन में 23 लाख और भारत में 21 लाख लोगों की जान गईं।

जयपुरJun 20, 2024 / 12:02 am

pushpesh

यूनिसेफ और हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट

नई दिल्ली. सभी तरह के प्रदूषण पृथ्वी, पर्यावरण और जीवन के लिए खतरनाक हैं, लेकिन वायु प्रदूषण इनमें ज्यादा घातक है। बुधवार को यूनिसेफ और हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट ‘स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2024’ ने इसे साबित कर दिया। चौंकाने वाली बात ये है कि रिपोर्ट में वर्ष 2021 के आंकड़ों को लिया गया है, जिस वर्ष कोविड-19 के चलते रेल, सडक़ और वायु टै्रफिक अपेक्षाकृत कम था। रिपोर्ट कहती है वर्ष 2021 में वायु प्रदूषण से दुनिया में 81 लाख मौतें हुईं। इनमें से आधी मौतें चीन और भारत में हुई हैं। चीन में 23 लाख और भारत में 21 लाख लोगों की जान गईं। वायु प्रदूषण से जान गंवाने वाले पांच वर्ष तक बच्चों की संख्या भारत में सबसे ज्यादा थी। 2021 में इस आयु वर्ग के 1 लाख 69400 बच्चों की मौत वायु प्रदूषण जनित बीमारियों से हुईं, जो कुपोषण के बाद सबसे बड़ा कारण है। 200 से अधिक देश और क्षेत्रों से जुटाए आंकड़ों के आधार पर तैयार रिपोर्ट में साफ बताया गया है कि दक्षिण एशिया में मौतों का सबसे बड़ा कारण वायु प्रदूषण है, इसके बाद उच्च रक्तचाप और तंबाकू है।
हर घंटे 240 मौतें
रिपोर्ट कहती है वायु प्रदूषण जनित बीमारियों से भारत में हर घंटे औसतन 240 लोगों की जान जाती है। जबकि 20 बच्चों की जान जाती है।
-दुनिया में होने वाली कुल मौतों में 12 फीसदी मौतें पीएम 2.5 (हवा में घुले महीन कण), ओजोन (ओ3) और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (एनओ2) जैसे प्रदूषकों के कारण होती है।
-वायु प्रदूषण से होने वाली वैश्विक मौतों में 78 लाख (90 फीसदी) से ज्यादा का कारण पीएम 2.5 वायु प्रदूषण है।
ये हैं बड़े प्रदूषक : मौतों के लिए जिम्मेदार प्रदूषण परिवहन, घरों, जंगल की आग, उद्योगों आदि में जीवाश्म ईंधन और बायोमास को जलाने से पैदा होते हैं।

भारत में 99 फीसदी लोग खराब हवा में सांस ले रहे
ग्रीनपीस इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के 99 फीसदी से ज्यादा लोग खराब हवा में सांस ले रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पीएम 2.5 को लेकर जो मानक बनाया है, उससे भारत की हवा 5 गुना ज्यादा खराब है।
कैसे असर डालता है वायु प्रदूषण
ऐसे सूक्ष्म कण, जिनका व्यास 2.5 माइक्रोमीटर से भी कम है, फेफड़ों में रह जाते हैं और रक्तप्रवाह के साथ शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। इससे कई अंग प्रणालियां प्रभावित होती हैं और हृदय रोग, स्ट्रोक, मधुमेह, फेफड़ों का कैंसर और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) जैसी गैर-संचारी बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है।

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