शोधकर्ताओं ने श्वास मॉनिटर में आवश्यक संवेदनशीलता लाने के लिए प्लेटिनम, इंडियम, निकल और ऑक्सीजन के सयोजन से बने नैनोफ्लेक्स का उपयोग किया। जब आइसोप्रीन नैनोफ्लेक्स से टकराता है तो इससे होने वाले इलेक्ट्रॉन उत्सर्जन को मापा जा सकता है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि फेफड़ों के कैंसर से होने वाली क्षति शरीर की कुछ प्रमुख मेटाबॉलिक प्रक्रियाओं को प्रभावित करता है। यह परिवर्तन किसी न किसी तरह से आइसोप्रीन का स्तर प्रभावित करता है, जिसे मापकर बीमारी का पता लगाया जा सकता है।