बिहार सरकार द्वारा पुलिसकर्मियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग लॉटरी के माध्यम से होने के कारण अब कोई भी पुलिसकर्मी मनचाही पोस्टिंग की अर्जी वरिष्ठ अधिकारियों के सामने नहीं लगा सकेंगे। ऐसे में अब कोई भी पुलिसकर्मी अपनी मर्जी से पोस्टिंग नहीं हासिल कर पाएगा। पहले फेज में लॉटरी के माध्यम से पटना के अलग-अलग थानों में 80 पुलिस अधिकारियों की पोस्टिंग भी की गई है।
तो दूसरी तरफ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पटना के कई अधिकारियों की जल्द ही ट्रांसफर-पोस्टिंग की जायेगी। ये सभी प्रक्रिया लॉटरी के माध्यम से ही की जायेगी। वहीं पटना के विभिन्न थाना क्षेत्रों में SI व ASI की पोस्टिंग होने वाली है, कई थानों में थानाध्यक्षों की भी पोस्टिंग होनी है।
लॉटरी सिस्टम को लेकर एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने बताया कि इस प्रकिया में पारदर्शिता होती है और इसमें किसी भी पुलिसकर्मी को कोई भी शिकायत नहीं होती है। इस सिस्टम को लेकर बात करते हुए एसएसपी ने बताया कि रिक्त पदों के अनुसार थाना क्षेत्रों के नाम अलग-अलग पर्ची पर लिख दिया जाता है। जिसके बाद पर्चियों को एक बॉक्स में डाल दिया जाता है। जिसके बाद पुलिस कर्मी एक लाइन में इससे एक पर्ची निकालते हैं। जिस पर्ची में जिस थाना का नाम आता है, उसी थाने में उस पुलिसकर्मी पोस्टिंग कर जाती है।
इससे इस बात की पारदर्शिता होगी कि किसी भी पुलिसकर्मी को मनचाहा या अर्जी पर ट्रांसफर या पोस्टिंग नहीं किया गया है। वहीं अगर किसी भी पुलिसकर्मी को लॉटरी से पोस्टिंग के बाद भी उक्त थाना में पदभार ग्रहण करने में कोई तकलीफ है तो उन्हें उसका एक उचित कारण बताना होगा उसके बाद ही आगे निर्णय लिया जाएगा।
बिहार में इस सिस्टम के लागू हो जाने से ये फायदा होगा कि कई सालों से एक ही थाने में कुंडली मारकर बैठे लोगों को अपनी पसंद के थानों के मोह से बाहर निकाला जाएगा और दूसरे पुलिस ऑफिसर की तैनाती की जाएगी। तो वहीं इस सिस्टम के आ जाने के बाद से अपनी पसंद के थाने के मोह में फंसे पुलिसकर्मियों को परेशान देखा जा रहा है। तो वहीं कई पुलिसकर्मी इस सिस्टम के आ जाने से खुश दिखाई दे रहे हैं।