रेलवे को मिलेगी रफ्तार! रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 15 अगस्त 2023 तक 75 वंदे भारत ट्रेनों के उत्पादन की कही बात
चेन्नई में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वंदे भारत ट्रेन के डिब्बों के निर्माण का जायजा लेने के लिए इंटीग्रल कोच फैक्ट्री का दौरा किया। उन्होंने कहा कि “वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण इंटीग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नै में फास्ट ट्रैक मोड पर है।
रेलवे को मिलेगी रफ्तार! रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 15 अगस्त 2023 तक 75 वंदे भारत ट्रेनों के उत्पादन की कही बात
चेन्नई में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री के अपने दौरे के दौरान, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 12,000वें लिंके हॉफमैन बुश कोच को झंडी दिखाकर रवाना किया और वंदे भारत ट्रेनों के लिए कोचों के निर्माण की जांच की। रेल मंत्री चेन्नई में वंदे भारत के ट्रैनों के डिब्बों के निर्माण का जायजा लेने फैक्ट्री पहुंचे थे, जहां उन्होंने निर्मित वंदे भारत ट्रेनों की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने अगले साल तक और ट्रेनों के उत्पादन के संबंध में भी बड़ी घोषणाएं कीं।
रेल मंत्री ने कहा, “इनमें से 75 और ट्रेनों का उत्पादन किया जाना है। ये नई ट्रेनें पुराने मॉडलों की तुलना में बेहतर उन्नत संस्करण होंगी, जिनका उत्पादन 15 अगस्त, 2023 से पहले किया जाना है।”
उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा, “ICF चेन्नई में वंदे भारत का निर्माण तेजी से हो रहा है।” रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) का दौरा किया और वंदे भारत ट्रेन के प्रोडक्शन का बारीकी से निरीक्षण किया। इसके साथ ही उन्होंने फैक्ट्री के कर्मचारियों का उत्सागवर्धन भी कया।
बता दें, 2019 में शुरू की गई वंदे भारत सेमी-हाई स्पीड ट्रेनें, जिसे मूल रूप से ट्रेन 18 कहा जाता है, वर्तमान में दिल्ली-वाराणसी और दिल्ली-कटरा मार्गों पर चल रही हैं। तो वहीं अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि अगले तीन वर्षों में 400 वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण किया जाएगा।
बजट प्रावधान के अनुसार 16 कोच वाली वंदे भारत ट्रेन पर 120 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। ट्रेनों के इस नए संस्करण में वंदे भारत ट्रेनें हल्की, अधिक ऊर्जा-कुशल होंगी, और इनमें अधिक आधुनिक सुविधाएं और यात्री सुविधाएं होंगी। अब तक केवल बैठने की व्यवस्था वाली 102 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चलाई गई हैं।
ट्रेन के इस मौजूदा इंटरेक्शन में रात भर लंबी दूरी की यात्रा की सुविधा के लिए एक स्लीपर कोच होगा। नई ट्रेनों में AC-1, AC-2 और AC-3 कोच के साथ 3 कक्षाएं होंगी। बताते चलें वर्तमान समय की वंदे भारत ट्रेनों में केवल चेयर कार सीटिंग प्रारूप है। आधुनिक तकनीक का लाभ उठाने के लिए, हल्की बोगियों, ट्रांसफार्मरों और मोटरों के साथ-साथ अन्य चीजों के लिए विनिर्देश तैयार किए जा रहे हैं।