scriptनए भविष्य को गढ़ने का सबसे बड़ा आधार बन रहा है एआईः मोदी | AI is becoming the biggest basis for creating a new future: Modi | Patrika News
नई दिल्ली

नए भविष्य को गढ़ने का सबसे बड़ा आधार बन रहा है एआईः मोदी

– भारत मंडपम में किया जीपीएआई शिखर सम्मेलन का उद्घाटन

नई दिल्लीDec 12, 2023 / 09:09 pm

Suresh Vyas

नए भविष्य को गढ़ने का सबसे बड़ा आधार बन रहा है एआईः मोदी

नए भविष्य को गढ़ने का सबसे बड़ा आधार बन रहा है एआईः मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) नए भविष्य को गढ़ने का सबसे बड़ा आधार बन रहा है। एआई लोगों को जोड़ सकता है। यह न केवल आर्थिक विकास सुनिश्चित करता है, बल्कि समानता व सामाजिक न्याय भी सुनिश्चित करता है। एआई को और अधिक समावेशी बनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि एआई की विकास यात्रा जितनी अधिक समावेशी होगी, परिणाम भी उतने ही अधिक समावेशी होंगे।

मोदी ने मंगलवार शाम यहां भारत मंडपम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर वैश्विक भागीदारी (जीपीएआई) शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद अपने सम्बोधन में एआई के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं का उल्लेख करते हुए कहा कि एआई का हर देश पर प्रभाव पड़ा है। सभी को सावधानी के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है। शिखर सम्मेलन में इस पर चर्चा मानवता की मूलभूत जड़ों को दिशा देते हुए इन्हें सुरक्षित करेगी। इसमें कोई संदेह नहीं है कि एआई परिवर्तनकारी है, लेकिन इसे अधिक से अधिक पारदर्शी बनाना सभी की जिम्मेदारी है।

प्रधानमंत्री ने एआई के नकारात्मक पहलुओं को रेखांकित करते हुए कहा कि भले ही इसमें 21वीं सदी में विकास का सबसे मजबूत उपकरण बनने की क्षमता है, लेकिन यह इसके विनाश में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। डीपफेक, साइबर सुरक्षा, डेटा चोरी और आतंकवादी संगठनों की ओर से एआई के प्रयोग चुनौती हैं। इसके जवाबी कदमों के लिए तैयार रहना होगा।

उन्होंने कहा कि एआई टैलेंट और एआई-संबंधित विचारों के क्षेत्र में भारत प्रमुख खिलाड़ी है। भारत में एक जीवंत एआई भावना दिखाई दे रही है, क्योंकि भारतीय युवा एआई तकनीक का परीक्षण कर रहे हैं और उसे आगे बढ़ा रहे हैं। युवा टेक्नोलॉजी के जरिए सामाजिक बदलाव लाने की कोशिश कर रहे हैं।

तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन में कनाडा, फ्रांस, जापान, तुर्किये व ब्रिटेन के मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडल, 28 सदस्य देशों और यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल तथा 67 जीपीएआई विशेषज्ञ व 120 से अधिक उद्योग नेता और विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। भारत की ओर से 50 से अधिक जीपीएआई विशेषज्ञ और 150 से अधिक वक्ता शिरकत करेंगे। इस दौरान एआई और वैश्विक स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल, एआई और डेटा प्रबंधन और एमएल कार्यशाला जैसे विविध विषयों पर कई सत्र आयोजित किए जाएंगे।

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