दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के पुलिस ने आरोपी के HIV पॉजिटिव होने की जानकारी पीड़िता के अस्पताल को देर से दी। आरोपी के HIV पॉजिटिव पाए जाने के बाद पीड़ित का टेस्ट किया गया, जिसमें वह भी संक्रमित पाई गई है।
दिल्ली महिला आयोग (DCW) ने कहा कि कई अस्पताल रेप पीड़िताओं का HIV टेस्ट नहीं कर रहे हैं। दीप चंद बंधु अस्पताल के उदाहरण का हवाला देते हुए बताया गया है कि अस्पताल ने केवल कुछ मामलों में ही एचआईवी परीक्षण किए हैं। वहीं डॉ बाबा साहेब अम्बेडकर और राव तुला राम जैसे अस्पताल रेप पीड़िताओं के HIV टेस्ट का डेटा नहीं रखते हैं।
दिल्ली महिला आयोग ने सिफारिश की है कि सभी अस्पतालों को रेप पीड़िताओं का 3 और 6 महीने के अंतराल में अनिवार्य रूप से टेस्ट किया जाना चाहिए। वहीं अस्पतालों के द्वारा इसका डेटा भी सुरक्षित रखा जाना चाहिए। इसके अलावा महिला आयोग ने आरोप लगाया कि कई अस्पताल पर पीड़ितों की पहचान और HIV टेस्ट के रिजल्ट की गोपनीयता बनाए रखने के लिए नियम का पालन नहीं कर रहे हैं।
दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने कहा कि राजधानी में आठ साल की बच्ची के साथ बेरहमी से दुष्कर्म किया गया। उसके साथ रेप करने वाला आरोपी एचआईवी पॉजिटिव था, दुर्भाग्य से बच्ची भी HIV पॉजिटिव पाई गई है। इसलिए यौन उत्पीड़न से बचे लोगों की उचित देखभाल और उपचार सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत तंत्र बनाने की जरूरत है, जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को सिफारिशें भेजी गई हैं। इस पर 30 दिन के अंदर कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी गई है।