चंद्रशेखर गौड़ से न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा कि आरटीआई के तहत हमने जो रेलवे से जानकारी मांगी थी। उसके मुताबिक रेलवे ने बताया कि आरक्षित टिकटों के कैंसिलेशन से 1518.62 करोड़ रुपये कमाए। इसके साथ ही अनारक्षित टिकटिंग प्रणाली यानी यूटीएस के तहत बुक यात्री टिकटों को रद्द कराए जाने से रेलवे ने 18.23 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया।
वहीं, टिकट कैंसिलेशन में लोगों की राशि काट बंपर कमाई कर रही रेलवे से जब आरटीआई एक्टिविस्ट ने पूछा कि क्या राशि कटौती को कम करने का कुछ प्रस्ताव है। ताकि आमलोगों को राहत मिल सके। इस पर रेलवे की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। लेकिन चंद्रशेखर गौड़ ने कहा कि मुझे अभी भी रेलवे के जवाब का इंतजार है। क्योंकि टिकट रद्द करने पर वसूले जाने वाले शुल्क को व्यापक जनहित में जल्द घटाया जाना चाहिए।
दरअसल, टिकट कैंसिलेशन को लेकर रेलवे जो चार्ज वसूलती है वो इस प्रकार हैं। अगर टिकट को चार्ट तैयार होने से 48 घंटे पहले कैंसिल करवाते हैं तो फर्स्ट एसी में 240 रुपये, सेकंड एसी में 200 रुपये, थर्ड एसी में 180 रुपये और स्लीपर या जनरल में 60 रुपये प्रति यात्री कटता है। वहीं, अगर 12 घंटे पहले टिकट कैंसिल करवाते हैं तो टिकट की राशि की 25 फीसदी राशि काटी जाती है।
इसके साथ ही अगर टिकट कैंसिल ट्रेन खुलने के चार घंटे पहले करवाते हैं तो 50 फीसदी राशि काट ली जाती है। अगर इस समय के अलावे आप टिकट कैंसिल करवाते हैं तो कोई रिफंड नहीं मिलता है। वहीं, अगर आपने तत्काल में कंफर्म टिकट लिया है और उसे कैंसिल करते हैं तो रेलवे कोई रिफंड नहीं देती।