scriptकिसान ने खेत को बना डाला पर्यटन स्थल, यहां फोटो खीचने और वीडियोग्राफी करने की फीस है 2100 रुपए | farmer turned his farm into tourist spot fees for taking photos and videography 2100 rupees MP News | Patrika News
नीमच

किसान ने खेत को बना डाला पर्यटन स्थल, यहां फोटो खीचने और वीडियोग्राफी करने की फीस है 2100 रुपए

MP News : किसान ने किया कमाल, खेत को बना दिया पर्यटन स्थल। कोरोना काल में सरकारी नौकरी छोड़कर बन गए थे किसान। 50 रुपए टिकट लेकर खेत देखने आते हैं लोग। फोटो खीचने और वीडिया बनाने का शुल्क देते हैं 2100 रूपए।

नीमचAug 31, 2024 / 03:43 pm

Faiz

MP News
MP News : मध्य प्रदेश के नीमच में किसान कमलाशंकर ने ऐसा कारनामा कर दिखाया, जो शायद भारत में बहुत कम देखा जाता है। नीमच के गांव भाटखेड़ी के एक किसान ने पहले कोरोना काल में अपनी केंद्र सरकार की नौकरी को छोड़कर किसानी शुरु की और फिर अपने बांस खेत को एक पर्यटन स्थल बना दिया। अब ये खेत इतना लोकप्रिय हो चूका है कि लोग दूर-दूर से इसे देखने आते हैं और इसके लिए 50 रुपए शुल्क भी चुकाते हैं। यही नहीं फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के लिए 2100 रुपए फीस भी देते हैं। इस कमाल के लिए कमलाशंकर को पुरस्कार भी मिल चुका है।
खेत के मालिक और किसान कमलशंकर ने कोरोना काल के समय परिवार के दबाव में आकर अपनी दिल्ली में केंद्र सरकार में स्वास्थ्य मंत्रालय के सलाहकार की नौकरी छोड़ दी थी। इसके बाद उन्हें कुछ अलग और नया करने की ठानी, जिससे उन्हें बांस के खेत बनाने का विचार आया। इसके बाद उन्होंने एक हैक्टर जमीन पर बांस, अश्वगंधा और शतावरी की खेती शुरू की। उन्होंने बांस की खेती इस प्रकार की कि, वो एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो गई।
यह भी पढ़ें- Heavy Rain Alert : बंगाल की खाड़ी में एक्टिव हुआ खतरनाक सिस्टम, 12 जिलों में 2 दिन धमाकेदार बारिश का अलर्ट

शुल्क चुकाकर लोग करते हैं फोटो और वीडियो शूट

उन्होंने एक साफ़ पैटर्न के तहत बांस की खेती की, जिससे उनका खेत बेहद सुंदर दिखने लगा और फोटोजेनिक हो गया। इसके बाद बांस के खेत को देखने और उसकी फोटो-वीडियो बनाने के लिए यहां लोगों का तांता लगने लगा। लोगों का रुझान देखते हुए कमलाशंकर ने यहां आने वालों के लिए एक निर्धारित फीस वसूलनी शुरु कर दी। अब हालात ये है कि अकसर यहां कपल्स प्री-वैडिंग फोटोशूट तक के लिए आते हैं और किसान को उसका शुल्क भी चुकाते हैं।

कृषि विश्वविद्यालय ने किया सम्मानित

कमलाशंकर को अपने इस कमाल के लिए शासन एवं प्रशासन द्वारा सम्मानित किया गया है। इसके आलावा उन्हें राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय द्वारा कृषि वानिकी एवं पर्यावरण पर्यटन क्षेत्र में कृषि फेलो सम्मान 2024 से भी सम्मानित किया गया था।
यह भी पढ़ें- एमपी के अस्पताल में महिला डॉक्टर्स को मिली ‘कोलकाता कांड’ जैसी वारदात दोहराने की धमकी, स्टाफ में हड़कंप

भारत समेत कई देश कृषि को दे रहे बढ़ावा

बात दें कि, भारत के साथ साथ इटली, ताइवान, ब्राज़ील आदि देश भीकृषि को बढ़ावा देने के लिए पर्यावरण पर्यटन के अंतर्गत कृषि पर्यटन पर ज़ोर दे रहे हैं। भारत में कृषि की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका है। पिछले कुछ साल से महाराष्ट्र, केरल, गुजरात, कर्नाटक, पंजाब, हरियाणा और नागालैंड कृषि पर्यटन पर जोर दे रहे हैं। साल 2019 में एक एजेंसी में हुए अध्यन के अनुसार, भारत के कृषि पर्यटन उद्योग में 20 फीसदी सालाना की बढ़ोतरी कर रहा है। 2019 में वैश्विक स्तर पर कृषि पर्यटन का बाजार 42.46 बिलियन होने का अनुमान लगाया गया था, जो 2027 तक 62.98 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। इससे भारत के किसानों को अपनी आए बढ़ाने के नए अवसर मिलेंगे।

Hindi News/ Neemuch / किसान ने खेत को बना डाला पर्यटन स्थल, यहां फोटो खीचने और वीडियोग्राफी करने की फीस है 2100 रुपए

ट्रेंडिंग वीडियो