एजेंट्स को संवेदनशील बनाने की जिम्मेदारी इनपर होगी
ड्राफ्ट में कहा गया है कि आरबीआई के दायरे में आने वाले अन्य सभी वित्तीय संस्थानों को डायरेक्ट सेल्स एजेंट्स, डायरेक्ट मार्केटिंग एजेंट्स और रिकवरी एजेंट्स के लिए बोर्ड से मान्य किया गया कोड ऑफ कंडक्ट बताना होगा और उसका पालन करने के लिए कहना होगा। वित्तीय संस्थानों को सुनिश्चित करना होगा कि उनके एजेंट्स अपनी जिम्मेदारियों को संवेदनशीलता से निभाने के लिए प्रशिक्षित हों। रिकवरी एजेंट कर्जदार या गारंटर को मोबाइल या सोशल मीडिया पर किसी तरह की धमकी नहीं दे सकते।
कर्जदार की निजता का रखना होगा ध्यान
एजेंट्स को कर्जदार की निजता का भी ध्यान रखना होगा। कर्ज रिकवरी के दौरान रिकवरी एजेंट कर्जदार के साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल नहीं कर सकते और न ही शारीरिक हानि पहुंचा सकते हैं। ड्राफ्ट में यह भी कहा गया है कि एजेंट्स अगर किसी ग्राहक को बैंक या वित्तीय संस्थान का कोई प्रोडक्ट बेचते हैं तो उन्हें उस प्रोडक्ट से जुड़े नियम और शर्तें स्पष्टता के साथ बतानी होंगी।
देश में कई वित्तीय कंपनियां ऐप्स के जरिए इंस्टैंट लोन बांट रही हैं, इनमें कई ऐप्स फर्जी भी हैं। अब अवैध रूप से लोन देने वाले इंस्टैंट लोन ऐप्स पर सरकार सख्त हो गई है। ऐसे ऐप्स के बढ़ते खतरों से निपटने के लिए आईटी मंत्रालय ने आरबीआई को ज्यादा जानकारी वाली केवाईसी प्रक्रिया तैयार करने को कहा है। इसमें लोन सुविधा देने वाली कंपनियों को सभी जानकारी उपलब्ध करानी होगी। व्यापक केवाईसी से गड़बड़ी करने वाले लोन ऐप्स का पता लगाने में मदद मिलेगी।