– ‘विशाखापत्तनम’ नाम के इस पोत का निर्माण और वितरण स्वदेशी युद्धपोत निर्माण कार्यक्रमों के मद्देनजर सरकार और नौसेना के लिए मील का पत्थर है।
– विशाखापत्तनम के नौसेना में शामिल होने से दुनियाभर में भारत की पहचान एडवांस वॉरशिप के डिजाइन और निर्माण की क्षमता वाले देशों के रूप में होगी.
– भारतीय नौसेना के इस पहले PB15 स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर युद्धपोत में भारत की सबसे ताकतवर मिसाइल सिस्टम्स लगी हैं।
– इनमें ब्रह्मोस और बराक मिसाइलें शामिल हैं। इसकी ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आईएनएस विशाखापत्तनम दुश्मन के जहाज को देखते ही एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल लॉन्च कर दुश्मन का खात्मा कर सकता है
– यह विध्वंसक वॉरशिप पूरी तरह से स्वदेशी है। इस वॉरशिप के निर्माण की शुरुआत साल 2013 के अक्टूबर महीने में हुई थी।
– इस युद्धपोत का वजन 7400 टन है। कुल लंबाई ट्रेन के 7 डिब्बों की लंबाई के बराबर यानी 535 फीट है
– INS विशाखापत्तनम की अधिकतम रफ्तार 56 किलोमीटर प्रतिघंटा है। वॉरशिप के 26 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलने के दौरान इसकी रेंज 7400 किलोमीटर रहती है
– इस विध्वंसक वॉरशिप पर नौसेना के 300 जवान एक साथ रह सकते हैं।
– इसके अलावा, इस वॉरशिप पर 32 एंटी-एयर बराक मिसाइलें तैनात की जा सकती हैं। ये मिसाइलें 100 किलोमीटर की रेंज तक मार करने में सक्षम हैं।
– इस युद्धपोत पर 16 एंटी-शिप या लैंड अटैक ब्रह्मोस मिसाइलें तैनात की जा सकती हैं।
– ये एक 76 मिलीमीटर की ओटीओ मेराला तोप, 4 AK-603 सीआईडब्ल्यूएस बंदूक से लैस है, जो पलक झपकते ही दुश्मन के जहाजों, मिसाइलों को नष्ट कर सकता है।
– इसे 4 टॉरपीडो ट्यूब्स, 2 RBU-6000 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर से भी लैस किया गया है।