बता दें कि रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने यात्रियों रेल किराए में छूट को लेकर बड़ा बयान दिया है। इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि कैसे रेलवे घाटे में चलकर यात्रियों का फायदा करा रही है।
हर यात्री को 55 प्रतिशत की छूट देता है रेलवे
बता दें कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव शुक्रवार को बुलेट ट्रेन परियोजना की प्रगति की समीक्षा के लिए अहमदाबाद में थे। इस दौरान पत्रकारों से बात कर रहे थे। इस दौरान पत्रकारों ने रेल मंत्री से पूछा कि कोरोना काल से पहले सीनियर नागरिकों और मीडियाकर्मियों को किराए छूट मिलती थी। लेकिन कोविड के बाद इसे खत्म कर दिया गया।
इस पर रेल मंत्री ने जवाब देते हुए कहा, “प्रत्येक रेलयात्री को पहले से ही किराये में 55 प्रतिशत की छूट मिलती है।” हालांकि इस दौरान वैष्णव ने रियायतों की बहाली पर मीडियाकर्मियों के सवालों का कोई सीधा जवाब नहीं दिया।
100 का टिकट 45 रुपये में देता है रेलवे: अश्विनी वैष्णव
रेल मंत्री शुक्रवार को अहमदाबाद में पत्रकारों से बात कर रहे थे। इस दौरान पत्रकारों ने उनसे रेलवे यात्रा के दौरान किराए का मुद्दा उठाया। इस पर रेल मंत्री ने कहा, ‘अगर किसी गंतव्य के लिए टिकट की कीमत 100 रुपये है, तो रेलवे केवल 45 रुपये वसूल रहा है। इस प्रकार यह 55 रुपये की रियायत दे रहा है।’
बता दें कि इससे पहले मध्य प्रदेश के रहने वाले चंद्रशेखर गौड़ की ओर से दायर आरटीआई आवेदन का भारतीय रेलवे ने जवाब दिया था। इसमें कहा गया कि रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में लगभग 15 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों से लगभग 2,242 करोड़ रुपये कमाए है।
कोरोना महामारी से पहले मिलती थी छूट
बता दें कि मार्च 2020 में कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन से पहले रेलवे सीनियर नागरिकों और सरकार की ओर से मान्यता प्राप्त पत्रकारों को ट्रेन किराए में 50 प्रतिशत छूट देती थी। लॉकडाउन के दौरान रेलवे परिचालन पूरी तरह बंद कर दिया गया था।
इसके बाद रेलवे ने इन छूट को समाप्त कर दिया। वहीं, जून 2022 में जब रेल सेवा पूरी तरह से बहाल हुई, तो रेल मंत्रालय ने इन रियायतों को बहाल नहीं किया और तब से यह मुद्दा संसद के दोनों सदनों में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों की तरफ से संयुक्त रुप से विभिन्न मंचों पर उठाया गया।