उन्होंने आगे कहा, “पिछले पांच साल में जो विकास कार्य हुए हैं, वे बहुत ही असामान्य रहे हैं। अब प्रियंका गांधी नए उम्मीदवार के रूप में वहां आ रही हैं। कांग्रेस हमेशा से एक ऐसे दल के रूप में जानी जाती है जो केवल एक परिवार के लिए काम करता है। इसलिए प्रियंका गांधी स्वाभाविक रूप से राहुल गांधी के निर्वाचन क्षेत्र की वारिस के रूप में चुनी गई हैं। अब वह कह रही हैं कि वह पिछले पांच साल में राहुल गांधी द्वारा किए गए कार्यों को जारी रखेंगी, जो मूलतः कुछ भी नहीं थे। इसलिए हमें बहुत उम्मीद और आशा है कि केरल के लोग, वायनाड के लोग इस बार सही चुनाव करेंगे। वे विकास और प्रगति के लिए मतदान करेंगे और कांग्रेस पार्टी को नकारेंगे। इस बार हमारी पार्टी को भारी फायदा देखने को मिलेगा।”
विधानसभा में सत्ताधारी माकपा ने प्रस्ताव पास करके भारतीय संसद में वक्फ संशोधन विधेयक न पास करने की अपील की। इस पर अनिल एंटनी ने कहा, “हाल ही में केरल में जेराई समुद्र तट और मुनम्बगम समुद्र तट पर कई घटनाएं सामने आई हैं। इन जगहों पर गरीब मछुआरों के लगभग 600 परिवारों की भूमि पर अब वक्फ बोर्ड दावा कर रहा है। यह सभी भूमि कानूनी रूप से खरीदी गई थी और इसे इस गरीब मछुआरा समुदाय द्वारा विकसित किया गया था।” उन्होंने आगे कहा, “अब ऐसी घटनाएं केरल या कहें पूरे देश में बढ़ती जा रही हैं। इस समय, केरल के कई प्रमुख संस्थान, जिनमें चर्च भी शामिल हैं, ने केंद्र सरकार से इस कानून में सुधार करने की अपील की है ताकि इस तरह की घटनाएं न हों। ऐसे में यह निराशाजनक है, लेकिन आश्चर्यजनक नहीं है कि कांग्रेस पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी, जो केरल में एलडीएफ और यूडीएफ के तहत एक ही गठबंधन का हिस्सा हैं, फिर से एक साथ आकर उन सुधारों का विरोध कर रहे हैं जो एनडीए सरकार न्याय सुनिश्चित करने के लिए ला रही है।”
उन्होंने कहा, “इस समय, वामपंथी और कांग्रेस जनविरोधी काम कर रहे हैं। ये दोनों पार्टियां कुछ अल्पसंख्यकों को खुश करने के लिए राजनीति करते हैं। वे राज्य में ऐसी स्थितियों का निर्माण कर रहे हैं, जो केरल के लोगों, विशेष रूप से उन गरीब मछुआरों के लिए हानिकारक है, जिन्होंने चेराई और कोडुंबागम में कानूनी रूप से भूमि खरीदी है। उनका संपत्ति का संवैधानिक अधिकार और सम्मान पूर्वक जीने का अधिकार अब वामपंथियों और कांग्रेस द्वारा बाधित किया जा रहा है। यह एक महत्वपूर्ण बिंदु है।”