महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद सत्तारूढ़ महायुति सरकार ने 16 अक्टूबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिंदे सरकार ने अपने सवा दो साल के कार्यकाल के दौरान किए गए कामकाज का ‘रिपोर्ट कार्ड’ पेश किया। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने लाडली बहना योजना (लाडकी बहीण योजना) को लेकर बड़ा बयान दिया। विपक्ष ने इस योजना की आलोचना करते हुए दावा किया कि चुनाव बाद इसे बंद कर दिया जाएगा। इस पर बोलते हुए अजित पवार ने कहा है कि आगामी समय में लाडकी बहीण योजना की राशि को और बढ़ाया जाएगा। अभी इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत सरकार हर लाभार्थी महिला के बैंक खाते में 1500 रुपये प्रति माह जमा कर रही है।
एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने कहा, हमने लोगों के जीवन को बदलने वाली योजना पेश की है। हमारी योजनाओं को मिल रही जनता की प्रतिक्रिया से विरोधी हैरान हैं। मुख्यमंत्री लाडकी बहीण योजना की सफलता ने उन्हें झकझोर कर रख दिया है। जब हमने इस योजना की घोषणा की तो विपक्ष ने तंज कसा कि योजना लागू नहीं होगी, फॉर्म भरे जाएंगे और पैसा नहीं मिलेगा। लेकिन ढाई करोड़ महिलाओं के खाते में पिछले पांच महीने से पैसे जमा हो रहे हैं।
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उन्होंने आगे कहा, “बहनों के जीवन में आए बदलाव को विरोधी पचा नहीं पा रहे हैं, इसलिए अब कह रहे हैं कि ये पैसा सिर्फ चुनाव तक ही मिलेगा. मैं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में कहता हूं कि इस योजना में एक साल के लिए कुल 45 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। मैं महाराष्ट्र की सभी महिलाओं को आश्वस्त करना चाहता हूं कि यह योजना जारी रहेगी। अजित पवार ने कहा, चुनाव आएंगे और जाएंगे लेकिन यह आपका पैसा आपका अधिकार है। हम भविष्य में इस योजना के पैसे और बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं। हम भविष्य को ध्यान में रखते हुए यह योजना लेकर आए हैं। यह योजनाएं जारी रहेंगी।
बता दें कि विपक्ष के नेताओं का दावा है कि लाडकी बहीण योजना ज्यादा समय तक नहीं चल पाएगी, क्योंकि इससे राज्य की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो रही है। राज्य सरकार ने चुनाव में हार के डर से यह योजना शुरू की, ताकि महिलाओं को वोट के लिए बहकाया जा सके। चुनाव बाद योजना को बंद कर देंगे।
विपक्ष के इन दावों के चलते लाडली बहना के लाभार्थी महिलाओं के मन में योजना के बंद होने को लेकर संदेह हो गया। जिसे अजित दादा ने दूर करने की कोशिश की।