कौन-कौन हुआ शामिल
इस मौके पर राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी मौजूद थे। इसके अलावा सम्मेलन में शिक्षा, विज्ञान, खेल, कला एवं संस्कृति, मीडिया, राजनीति और समाज सेवा से जुड़ी 15 से अधिक देशों की जानी-मानी हस्तियां हिस्सा ले रही हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गुरुवार शाम को ही कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गई थीं। शांतिवन की सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती की गई है। व्यवस्थाओं के सुचारू संचालन के लिए जिला प्रशासन ने शांतिवन में जिला नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है।
सिक्योरिटी का पूरा ध्यान
राष्ट्रपति के कार्यक्रम के दौरान डायमंड हॉल में प्रवेश करने वाले हर एक व्यक्ति की स्कैनिंग की गई और डिटेक्टर मशीन से जांच की गई। कार्यक्रम के दौरान किसी भी प्रकार का सामान ले जाने की अनुमति नहीं है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ब्रह्माकुमारीज से करीब से जुड़ा हुआ माना जाता है।
कब हुई थी शुरुआत?
ब्रह्माकुमारीज एक आध्यात्मिक आंदोलन है जिसकी शुरुआत 1930 के दशक में हैदराबाद, सिंध में हुई थी। ब्रह्माकुमारीज आध्यात्मिक आंदोलन मानव शरीर और सामाजिक पहचानों से जुड़े लेबलों से परे जाने के महत्व पर बल देता है, जिसे ध्यान के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। यह शरीर के बजाय आत्माओं के रूप में पहचान की धारणा पर बल देता है, और इसका उद्देश्य “आत्म-चेतना” (सोल-कॉन्शियसनेस) पर केंद्रित वैश्विक संस्कृति स्थापना करना है।