नए सीरीज के नंबर (New Number Series)
इस कदम से दूरसंचार विभाग नए नंबरिंग प्लान के तहत और ज्यादा मोबाइल नंबर अलोकेट कर पाएंगे और यूजर्स को नंबर जारी करने में किसी भी तरह की दिक्कत नहीं आएगी। इस समय दूरसंचार विभाग टेलीकॉम कंपनियों को रिसाइकिल किए हुए नंबर जारी करने के लिए कह रही है। ये वो मोबाइल नंबर होते हैं, जिसे पहले कोई यूज कर रहा होता है, लेकिन 90 दिनों से ज्यादा दिनों तक सिम बंद किए जाने के बाद उस नंबर को टेलीकॉम कंपनियां किसी नए यूजर को अलोकेट कर रही है। नए नंबरिंग प्लान के आने के बाद टेलीकॉम कंपनियों को नया नंबर जारी करने के लिए नई सीरीज मिल सकती है।
क्या है राष्ट्रीय नंबरिंग योजना (National Numbering Plan)
राष्ट्रीय नंबरिंग योजना (National Numbering Plan) टेलीफोन संख्याओं का एक संगठित ढांचा है, जिसे एक देश में दूरसंचार सेवाओं के सही तरह से काम और संचालन के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें क्षेत्रीय कोड, स्थानीय कोड, मोबाइल और लैंडलाइन नंबरों के लिए निर्धारित नियम शामिल होते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि फोन नंबर अलग और पहचान करने लायक हों, जिससे कॉल रूटिंग और संचार में कोई दिक्कत न हो। इस योजना को प्रत्येक देश की दूरसंचार नियामक संस्था द्वारा निर्धारित और नियंत्रित किया जाता है, जैसे भारत में टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया(TRAI)।
वर्तमान स्थिति
मार्च 2024 के अंत तक, भारत में कुल 1199.3 मिलियन टेलीफोन सब्सक्राइबर है, जिसमें मोबाइल और फिक्स्ड लाइन दोनों शामिल हैं। टेली-डेंसिटी, जो प्रति 100 लोगों पर टेलीफोन कनेक्शन की संख्या को दर्शाती है, वर्तमान में 85.7% है। ऐसे में मौजूदा नंबर अलोकेशन सिस्टम को पूरी तरह से यूटिलाइज करने में दिक्कत आ रही है। इस स्थिति को देखते हुए यह महत्वपूर्ण है कि हम नंबरिंग रिसोर्स की ध्यान से जांच-परख करें और राष्ट्रीय नंबरिंग योजना में सुधार करने के लिए सही फैसले लें। फिक्स्ड लाइन और मोबाइल सेवाओं के बढ़ते उपयोग के कारण, नंबरिंग सिस्टम को सुधारने और ज्यादा उपयोगी बनाने की जरूरत है।
आगे क्या
TRAI ने सभी संबंधित व्यक्ति या समूह से सुझाव और फीडबैक मांगे है। इसका मतलब है कि वे सभी लोगों से सुनना चाहते हैं और उनकी राय जानना चाहते हैं। यह सुझाव मांगने के जरिये से TRAI यह तय करना चाहता है कि भविष्य में नंबरिंग योजना सभी के लिए सहज और लंबी समय तक चलने वाली हो। यह कदम न केवल भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि भारत की दूरसंचार सेवाएं तेजी से बढ़ती तकनीक और ग्राहक की मांगों के अनुसार बढ़ती रहें।