दिल्ली से भाग गया था राजस्थान
वहीं, ललित के सरेंडर की जानकारी देते हुए दिल्ली पुलिस ने बताया कि आरोपी ललित मोहन झा घटना का वीडियो बनाने के बाद मौके से भाग गया था। वह बस के माध्यम से राजस्थान के नागौर पहुंचा। यहां वह अपने दो दोस्तों से मिला और एक होटल में रुका, हालाकि जब उसे भनक लगी कि पुलिस उसकी तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है तो वह बस से दिल्ली आया और उसने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
वीडियो अपने NGO पार्टनर को भेजा
पुलिस ने बताया की शुरुआती जांच में ये बात सामने आया है कि आरोपी ललित ने संसद में सुरक्षा में सेंध लगाने का वीडियो बनाकर उसे अपने एनजीओ पार्टनर को भेजा था। वहीं, दिल्ली पुलिस ने बताया कि अब आरोपियों को संबंधित जगहों पर ले जाकर छानबीन की जाएगी और उनका आमना-सामना कराकर पूछताछ करेगी।
सभी आरोपियों के खिलाफ UAPA के तहत मुकदमा दर्ज
पुलिस सूत्रों ने बताया कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले सभी आरोपियों के खिलाफ संसद मार्ग थाने में यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी कृत्य) और 18 (साजिश आदि) और आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 452 (अनधिकार प्रवेश), 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना), 186 (लोकसेवक के सार्वजनिक कार्य निर्वहन में बाधा पहुंचाना) और 353 (लोकसेवक को उसके कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
बता दें कि यूएपीए के तहत दर्ज मामले गैर जमानती होते हैं। एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों को अब तक किसी भी आतंकी समूह के साथ आरोपियों के संबंध नहीं मिले हैं। सभी लोग सोशल मीडिया से संपर्क में आए थे और फिर फेसबुक पर भगत सिंह ‘फैन पेज’ से जुड़े थे।
आरोपियों को रिमांड वकील उपलब्ध कराया
पुलिस ने अदालत15 दिन की रिमांड मांगी थी लेकिन आरोपियों के रिमांड वकील ने कहा कि जांच के लिए 5 दिन काफी हैं। इसके बाद कोर्ट ने आरोपियों को 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। बता दें कि इससे पहले पुलिस चार आरोपियों नीलम आजाद, अमोल, सागर शर्मा और मनोरंजन डी को गिरफ्तार कर चुकी है, जिन्हें गुरुवार (14 दिसंबर) को दिल्ली की एक अदालत में पेश करने के बाद 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों आरोपियों को रिमांड वकील उपलब्ध कराया है।