कान्हा को क्यों प्रिय पंचामृत:—
ऐसी मान्यता है कि भगवान कृष्ण (Lord Krishna) को दूध और दही (milk and curd) हमेशा से प्रिय है। इसलिए पंचामृत उनका प्रिय भोग माना गया है, जो गाय के दूध से बनता है। साथ ही इसमें दही भी डलता है। पांच अलग अलग तरह के मेवे डालने से इसका स्वाद भी बढ़ जाता है और शहद इसकी मिठास बढ़ाता है। यही वजह है कि कान्हा को ये प्रसाद हमेशा से प्रिय माना गया है। कृष्ण जी को दूध, घी, दही, मखन आदि चीजें चढ़ाई जाती है।
— 500 ग्राम दूध
— एक कप दही
— 4-5 तुलसी के पत्ते
— एक चम्मच शहद
— एक चम्मच गंगाजल
— एक चम्मच घी
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पंचामृत प्रसाद बनाने की विधि (How to make Panchamrit Prasad) :—— सबसे पहले एक बर्तन में दही डालकर फेंट लें।
— इसके बाद अब दूध, शहद, चीनी और घी मिलाएं।
— इस तरह से तैयार है पंचामृत प्रसाद।
— इससे पहले प्रभु को अभिषेक कराएं।
— उसके बाद पूजा अर्चना कर सभी में बांटें।
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पंचामृत का महत्व (Importance of Panchamrita) :—
पंचामृत (Panchamrita) शब्द दो शब्दों को मिलाकर बना है। पंच जिसका अर्थ पांच है और अमृत का मतलब अमरता प्राप्त करने वाला जल। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन पांचों चीजों का अपना महत्व है। दूध शुद्ध और पवित्रता का प्रतिनिधित्व करता है। घी शक्ति और जीत के लिए है। शहद मधुमक्खियां पैदा करती है इसलिए ये समर्पण और एकाग्रता का प्रतीक है। चीनी मिठास और आंनद के बारे में हैं जबकि दही समृद्धि का प्रतीक है।