परिवार घर छोड़ चुका, लेकिन कुलदेवी अभी भी वहीं
चंद्र बल्लभ पांडे ने बताया कि मैंने अपना घर छोड़ दिया है। लेकिन कुलदेवी स्थान छोड़ने को तैयार नहीं है। ऐसे में मैं हर दिन कुलदेवी की पूजा करने के लिए घर आता हूं। चंद्र बल्लभ की माने तो वहां कई बार देवी को अपने साथ ले जाने का प्रयास कर चुके हैं। लेकिन देवी अपना स्थान नहीं छोड़ना चहाती है। उनका कहना है कि जैसे ही वह मूर्ति को उठाने का प्रयास करते है वैसे ही उन्हें जोर का धक्का लगता है।
कुलदेवी की मूर्ति को उठाने पर अपने आप लगता है धक्का
चंद्र बल्लभ पांडे ने कहा कि देवी में बहुत शक्ति है और यहां दूर दराज से लोग दर्शन के लिए आते है। चंद्र बल्लभ पांडे की भाभी उत्तरा देवी ने कहा कि अभी कृष्ण पक्ष चल रहा है। हम अपनी कुलदेवी को उठाने के लिए जैसे ही आगे बढ़ते हैं, हमें अपने आप धक्का लगता है और उस समय ऐसा महसूस होता है कि देवी अपना स्थान छोड़कर ही न जाना चाहती हों।
मनोहर बाग अति-संवेदनशील क्षेत्र, रोज पूजा करने आते चंद्र बल्लभ पांडे
उत्तरा देवी ने बताया कि कुलदेवी की पूजा उनके देवर करते हैं। वह हर दिन कुलदेवी की पूजा-अर्चना करने के लिए यहां आते हैं। मालूम हो कि प्रशासन ने मनोहर बाग को अति-संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया है। चंद्र बल्लभ पांडे के घर पर भी लाल निशान लगा है। जिसके बाद उन्होंने अपना घर तो छोड़ दिया लेकिन उनकी कुलदेवी स्थान छोड़ने को तैयार नहीं है।
सीएम ने जोशीमठ में बिताई रात, लोगों को दिया भरोसा
उल्लेखनीय हो कि जोशीमठ नगर क्षेत्र में भू-धंसाव के चलते मंगलवार तक 723 भवनों को चिह्नित किया गया है, जिनमें दरारें आई हैं। सुरक्षा के लिहाज से बीते दिन तक 131 परिवारों के 462 लोगों को अस्थायी राहत शिविरों में विस्थापित किया गया है। इधर जोशीमठ की परेशानी और लोगों के विरोध को देखते हुए बुधवार शाम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ पहुंचे। उन्होंने रात यहीं बिताई। पीड़ित लोगों से बात कर उन्हें राहत राशि देने का भरोसा दिलाया।
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