उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, “किसी की कृपा पर जेडीयू की राजनीति आज तक न हुई है और न आगे होगी। हर निर्णय लेने में नीतीश कुमार खुद सक्षम हैं। एनडीए में भी नीतीश कुमार ही निर्णय लेते हैं। किसी के मन में अगर गलतफहमी है तो वह दूर कर ले। बिहार में नीतीश कुमार की लीडरशिप है तो एनडीए है। नीतीश कुमार के बिना एनडीए की कल्पना नहीं की जा सकती है।” उन्होंने आगे कहा, “बिहार में एनडीए इज नीतीश कुमार एंड नीतीश कुमार इज एनडीए। तो मान लिया जाए कि जब तक बिहार में नीतीश कुमार हैं, तब तक एनडीए है,नहीं तो खत्म।”
दरअसल उपेन्द्र कुशवाहा से जब सवाल किया गया कि केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के नेता धर्मेंद्र प्रधान ने हाल ही में नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद कहा था कि वर्ष 2025 तक नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री रहेंगे। इस दौरान उन्होंने जमकर तारीफों के पुल भी बांधे थे। जैसा की राज्य में एनडीए के नेता नीतीश कुमार हैं, बिहार में जेडीयू के बीजेपी के रिश्ते अच्छे हैं। इसी पर उन्होंने यह बयान दिया है जिसके सियासी मायने खोजे जा रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान नीतीश कुमार की तारीफ करके तो दिल्ली वापस लौट गए, और बीजेपी के नेता भी शांत हो गए। मगर जेडीयू नेता उपेन्द्र कुशवाहा के बयान से तो लगता है अब वे बयान देकर बीजेपी नेताओं को चिढ़ाना शुरू कर दिया। जैसा कि उपेंद्र कुशवाहा ने किसी का नाम नहीं लिया है, लेकिन जिस तरह से उन्होंने कहा है इशारा बीजेपी नेताओं की तरफ ही है। अगर ऐसा नहीं है तो तीन दिन बाद इस तरह का बयान नहीं देते।
कुशवाहा ने जिस तरह नीतीश कुमार को बिहार एनडीए का चेहरा बताया है, उससे कयास लगाया जा रहा है कि एक फिर सियासी सरगर्मी तेज होगी। कुशवाहा के इस बयान के बाद एक बार फिर बीजेपी के साथ वाकयुद्ध का एक और दौर शुरू होने के कयास लगाए जा रहे हैं।