झारखंड सरकार के द्वारा तीर्थ स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में अधिसूचित किए जाने के बाद से सम्मेद शिखरजी पर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। मध्य प्रदेश में जैन समाज फैसले के विरोध में सड़कों पर उतर आया। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लेटर लिखकर फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया।
विश्व हिंदू परिषद ने झारखंड की राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा है कि BHP भारत में सभी तीर्थ स्थलों की पवित्रता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। क्षेत्र को एक पवित्र क्षेत्र घोषित किया जाना चाहिए और मांस व ड्रग्स से जुड़ी कोई भी गतिविधि नहीं होनी चाहिए।
ऐसी मान्यता है कि इस पुण्य क्षेत्र में जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों ने मोक्ष की प्राप्ति हुई है। पवित्र पर्वत के शिखर तक श्रद्धालुओं को पहुंचने के लिए नौ किलोमीटर की यात्रा करना पड़ता है।