संयुक्त राष्ट्र सभा ने इस दिन को चिन्हित करते हुए सभी देशों को महामारी के तैयारियों को आगे बढ़ाने, जागरूकता फैलाने और इस विषय को लेकर लोगों के बीच जरूरी जानकारी देने के लिए बनाया था। ताकि विषम परिस्थितियों में लोगों के बीच अफवाह ना फैले।विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख एडहॉनम ने कहा था- इतिहास हमें बताता है कि यह आखिरी महामारी नहीं होगी| महामारी हमारे जीवन की सच्चाई है, यह हमें बताती है कि मनुष्य के स्वास्थ्य और इस धरती के बीच बहुत गहरा रिश्ता है। अगर हम पर्यावरण के सामने आ रहे हैं खतरे पर ध्यान नहीं देते हैं, तो आने वाले वक्त में यह और विकराल रूप में वापस आएगा।
महत्व
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के एक बयान के अनुसार समय के अनुसार हमें उन प्रणालियों में निवेश करना चाहिए जिससे हमें उसके प्रकोप के बारे में पता चलता है। अगर हम ठीक समय पर इसके विकरालता के बारे में आकलन कर लेते हैं, तो इनसे जुड़ी सभी जरूरी उपकरण का उपाय शुरू किया जा सकता है। गरीब से गरीब देशों में भी महामारी को फैलने से रोका जा सकता है। संयुक्त राष्ट्र का उद्देश्य वन हेल्थ दृष्टिकोण को कारगर बनाना है| जो अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ पौधे, मानव स्वास्थ्य और पशु स्वास्थ्य के बारे में भी लोगों को सजग करेगा।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के अनुसार कोविड-19 ने लोगों को नए तरीके से जीना सीखा दिया है। कोविड-19 के कारण अब तक दुनिया भर के 54 लाख 16 हजार 370 लोगों की जान जा चुकी है। अब इसके नए वेरिएंट ओमिक्रोन के चलते फिर से कई जगहों पर स्थानीय सरकारों द्वारा सख्ती बरतनी शुरू की जा चुकी है।