नेशनल हाइड्रोज मिशन की घोषणा
पीएम मोदी ने लाल किले से अपने भाषण के दौरान नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन की घोषमा की। उन्होंने कहा- ये ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की एक नई प्रगति के साथ उसे आत्मनिर्भर बनाएगा। देश के हाइड्रोजन मिशन का हब बनाना है। भारत को एनर्जी के क्षेत्र में इस मिशन से क्वांटन जंप मिलेगा।
ग्रीन ग्रोथ से ग्रीन जॉब के नए अवसर हमारे युवाओं के लिए दस्तक दे रहे हैं। 21वीं सदी का भारत बड़े लक्ष्य गढ़ने और उन्हें प्राप्त करने का सामर्थ्य रखता है। आजादी के 100 साल पहले देश को एनर्जी इंडिपेंडेंट बनाने का लक्ष्य है।
इन पंक्तियों के साथ किया भाषण का समापन यही समय है, सही समय है, भारत का अनमोल समय है
कुछ ऐसा नहीं जो कर ना सको,
कुछ ऐसा नहीं जो पा ना सको,
तुम उठ जाओ, तुम जुट जाओ,
सामर्थ्य को अपने पहचानो,
कर्तव्य को अपने सब जानो,
यही समय है, सही समय है भारत का ये अनमोल समय है।
बेटियों के लिए खोले जाएंगे सैनिक स्कूल
पीएम मोदी ने कहा- मुझे लाखों बेटियों के संदेश मिलते थे, वो भी सैनिक स्कूल में पढ़ना चाहती हैं। उनके लिए भी सैन्य स्कूलों को दरवाजे खोले जाएं। ढ़ाई साल पहले मिजोरम के सैनिक स्कूल में बेटियों को प्रवेश देने का प्रयोग प्रारंभ किया था। देश के सभी सैनिक स्कूलों को देश की बेटियों के लिए भी खोल दिया जाएगा।
सड़क से लेकर वर्कप्लेस तक महिलाओं में सुरक्षा के भाव का संकल्प
– खेल के मैदान में भाषा रुकावट नहीं बनी। अब ऐसा ही जीवन के अन्य मैदानों में भी होगा। मातृभाषा में लोग आगे बढ़ेंगे। स्पोर्ट्स को अब एक्स्ट्रा करिकुलर की जगह मेन स्ट्रीम बनाया गया है। जीवन में संपूर्णता के लिए खेलकूद होना बहुत जरूरी है।
– देश को 21वीं सदी में आगे बढ़ाने वाली नई शिक्षा नीति है। – ‘मैं आज आह्वान कर रहा हूं, केंद्र हो या राज्य सभी के विभागों से, सभी सरकारी कार्यालयों से। अपने यहां नियमों-प्रक्रियाओं की समीक्षा का अभियान चलाइए। हर वो नियम, हर वो प्रक्रिया जो देश के लोगों के सामने बाधा बनकर, बोझ बनकर, खड़ी हुई है, उसे हमें दूर करना ही होगा।’
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छोटा किसान बने देश की शान। ये हमारा सपना है। उनकी सामूहिक शक्ति को बढ़ाना होगा। नई सुविधाएं देनी होंगी। किसान रेल 70 से ज्यादा रूटों पर चल रही है।
हमें कृषि सेक्टर की बड़ी चुनौती की ओर ध्यान देना है। गांव के लोगों को पास कम होती जमीन बड़ी चुनौती है। बढ़ती आबादी और परिवार में हो रहे बंटवारों की वजह से किसानों की जमीन छोटी होती जा रही है। 80 फीसदी से ज्यादा किसान ऐसे हैं दो हेक्टेयर से भी कम जमीन है। पहले जो देश में नीतियां थीं, इन किसानों को जितनी प्राथमिकता देनी चाहिए थी, वो नहीं दी गई।
अब देश में इन्हीं छोटे किसानों को ध्यान में रखते हुए कृषि सुधार किए जा रहे हैं। फसल बीमा योजना में सुधार, एमएसपी को डेढ़ गुना करने का फैसला हो। ऐसे तमाम सुधार लगातार किए जा रहे हैं। ये प्रयास छोटे किसानों की ताकत बढ़ाएंगे।
हर छोटे किसान के छोटे-छोटे खर्च को ध्यान में रखते हुए पीएम निधि किसान योजना चलाई जा रही है। गांवों का तेजी से हो रहा विकास
गांवों को तेजी से परिवर्तित होते देख रहे हैं। अब गांवों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क की ताकत पहुंच रही है। सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी महिलाओं के प्रोडक्ट को बड़ा बाजार मिले। इसके लिए सरकार ई-कॉमर्स का प्लेटफॉर्म तैयार करेगी।
लद्दाख भी विकास की अपनी असीम संभावनाओं की तरफ आगे बढ़ चला है। एक तरफ लद्दाख, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण होते देख रहा है तो वहीं दूसरी तरफ ‘सिंधु सेंट्रल यूनिवर्सिटी’ लद्दाख को उच्च शिक्षा का केंद्र भी बनाने जा रही है।
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तैयारी
सभी के सामर्थ्य को उचित अवसर देना, यही लोकतंत्र की असली भावना है। जम्मू हो या कश्मीर, विकास का संतुलन अब ज़मीन पर दिख रहा है। जम्मू कश्मीर में डी-लिमिटेशन कमीशन का गठन हो चुका है और भविष्य में विधानसभा चुनावों के लिए भी तैयारी चल रही है।
– पहले की समय पर सरकार खुद ड्राइविंग सीट पर बैठ गई थी। अब समय बदल चुका है। सात वर्षों में देशवासियों को अनावश्यक कानूनों के जाल से मुक्ति दिलाई जा रही है। देश के सेकड़ों पुराने कानूनों को समाप्त किया जा चुका है।
– 15000 से ज्यादा कंप्लायंस को समाप्त किया है। सरकारी काम हो ढेर सारे कागज, कई चक्करों को अब हमने खत्म किया है। – 200 साल पहले हमारे यहां एक कानून चला आ रहा था, जिसकी वजह से देश के नागरिकों को मैपिंग की स्वतंत्रता नहीं थी। नक्शा बनाना है तो सरकार को पूछिए। नक्शा किसी किताब में छापना है तो सरकार से पूछिए।
– अब हर फोन में मैप का ऐप है। सैटेलाइट की इतनी ताकत है कि ऐसे कानूनों का बोझ सिर पर लेकर देश को आगे कैसे बढ़ाएंगे। बेवजह कानूनों की जकड़ से मुक्ति, ईज ऑफ लिविंग और ईज ऑफ बिजनेस दोनों की जरूरत है। टैक्स से जुड़ी व्यवस्थाओं को आसान किया गया है। ये रिफॉर्म सिर्फ सरकार तक सीमित ना रहे इसके लिए ग्राम पंचायत, नगर निगमों और नगर पालिका तक पहुंचे इसके लिए सबको मिलकर काम करना होगा।
सभी सरकारी कार्यालयों से कह रहा हूं, अपने यहां नियमों का अभियान चलाईए। जो नियम बाधा बनकर देश के सामने खड़े हैं उनको दूर करना होगा। जो 70 साल में मैल जमा हुआ है, वो एक दिन में खत्म नहीं होगा।
पीएम मोदी ने कहा- अब हमें सैचुरेशन की तरफ जाना है। शत प्रतिशत गांवों में सड़कें हों, शत प्रतिशत परिवारों के पास बैंक अकाउंट हो, शत प्रतिशत लाभार्थियों के पास आयुष्मान भारत का कार्ड हो, शत-प्रतिशत पात्र व्यक्तियों के पास उज्ज्वला योजना का गैस कनेक्शन हो।
हमारे संकल्पों की सिद्धी हमें आगे ले जाएगी। अमृत काल का लक्ष्य है एक ऐसे भारत का निर्माण जहां नागरिकों को जीवन में सरकार बेवजह दखल ना दे। एक ऐसे भारत का निर्माण हो जहां दुनिया का हर आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर हो। हम किसी से कम ना हों। ये ही कोटी-कोटी देशवासियों का संकल्प है।
संकल्प तब तक अधूरा होता है, जब तक संकल्प के साथ परिश्रम और पराक्रम की पराकाष्ठा ना हो। हमें हमारे सभी संकल्पों को परिश्रम और पराक्रम की पराकाष्ठा करके सिद्ध करना है।
ये संकल्प अपनी सीमाओं के पार सुरक्षित और समृद्ध विश्व के लिए भी प्रभावी योगदान के लिए है।
यही समय, सही समय
अमृत काल 25 वर्ष का है, लेकिन हमें अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए इतना लंबा इंतजार नहीं करना है। हमें अभी से जुड़ जाना है। हमारे पास गंवाने के लिए एक पल भी नहीं है। यही समय है, समय है।
हमें एक नागिरक के नाते अपने आप को बदलना ही होगा, बदलते हुए यूथ के अनुकूल हमें भी अपने आप को ढालना होगा। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास इसी सोच के साथ हम सब जुट चुके हैं।
लाल किले की प्राचीर से आह्वान कर रहा हूं. सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और अब सबका प्रयास हमारे हर लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण है। बीते सात वर्षों में शुरू हुई अनेक योजनाओं का लाभ करोड़ों गरीबों को उनके घरों तक पहुंचाया। सरकारी योजनाओं की गति बढ़ी है। निर्धारित लक्ष्यों को योजनाएं प्राप्त कर रही हैं।
पहले की तुलना में बहुत तेज गति से आगे बढ़े। अब हमें, पूर्णता तक जाना है। शतप्रतिशत लाभार्थी के पास आयुष्मान योजना का कार्ड हो, उज्जवला योजना से लेकर सभी योजनाओं की हर जरूरतमंद तक पहुंच हो।
पीएम मोदी ने कहा- ओलंपिक में भारत की युवा पीढ़ी ने देश का नाम रोशन किया है। ऐसे हमारे एथलीट्स, खिलाड़ी हमारे साथ हैं। हिंदुस्तान के कोने-कोने में जो इस समारोह में मौजूद हैं। हमारे खिलाड़ियों के सम्मान में तालियां बजाकर उनका सम्मान करें।
युवाओं का सम्मान करें। करोड़ों देशवासी तालियों की गूंज के साथ इनका सम्मान कर रहे हैं। जय पराजय आते रहे लेकिन मन मंदिर में बसी हुई आजादी की आकांक्षा कभी खत्म होने नहीं दी। सदियों के संगत के पुरोधा को प्रणाम करने का वक्त है।
कोरोना महामारी में हमारे डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ से लेकर सफाई कर्मी, वैक्सीन बनाने में जुटे हमारे वैज्ञानिक हों, सेवा भावनाओं से जुड़े करोड़ों देशवासी हों वे भी हम सबके अभिनंदन के अधिकारी हैं।
पीएम मोदी ने भाषण की शुरुआत स्वतंत्रता दिवस की बधाई के साथ की। उन्होंने कहा- विश्वभर में भारत को प्रेम करने वाले लोकतंत्र को प्रेम करने वालों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। आजादी के इस पावन पर्व पर देश अपने सभी स्वतंत्रता सेनानियों को राष्ट्र रक्षा में अपने आप को दिन रात खपाने वाले वीर वीरांगनाओं को देश नमन कर रहा है।
आजादी को जनआंदोलन बनाने वाले पूज्य बापू हों या फिर अपना सबकुछ न्यौछावर करने वाले बोस, आजाद, भगत सिंह, बिस्मिल जैसे वीर सपूत हों। झांसी की रानी हो या फिर मातंगीनी हजराता हों, देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू हों या फिर देश को एकजुट करने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल हों। देश को रास्ता दिखाने वाले बाबा साहब अंबेडकर समेत हर महापुरुषों को याद कर रहा है।
इससे पहले पीएम मोदी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पर फूल चढ़ाने पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 75वें स्वतंत्रता दिवस पर राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वे लालकिले के लिए रवाना हुए। यहां पर गार्ड ऑफ ऑनर में हिस्सा लिया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब 7.30 बजे लाल किले की प्रचीर पर तिरंगा फहराया।
बता दें कि केंद्र ने 75वीं वर्षगांठ को ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के तौर पर माने का फैसला किया है और इसकी शुरुआत 12 मार्च को गुजरात के साबरमती आश्रम से हो चुकी है। इसी दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 1930 में दांडी यात्रा शुरू की थी। 12 मार्च 2021 से प्रारम्भ हुआ यह अभियान 15 अगस्त 2023 तक चलेगा।