दरअसल कोरोना वायरस के नए मामले भले ही कुछ राज्यों में राहत दे रहे हैं, लेकिन कुछ प्रदेशों के आंकड़े भी डरा रहे हैं। ऐसे में केंद्र स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सचिवों/प्रशासकों को पत्र लिखकर अहम निर्देश दिए हैं।
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Omicron के बढ़ते खतरे के बीच मुंबई में धारा 144 लागू, जानिए और क्या लगी पाबंदियां केंद्र स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सचिवों/प्रशासकों को पत्र लिखकर जिन जिलों में तेजी से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, उन पर नजर रखने को कहा है। दरअसल 10 राज्यों के 27 जिले ऐसे हैं जहां कोरोना के मामलों में उतार-चढ़ाव लगातार देखने को मिल रहा है। ऐसे में इन जिलों को लेकर विशेष ध्यान रखने को कहा गया है।
भूषण ने सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों/प्रशासकों को लिखा है कि 10 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 27 जिलों में पिछले दो हफ्तों से कोविड के अधिक संख्या में मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं।
ऐसे में इन जिलों पर बहुत ही बारीकी से नजर रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कोविड कलस्टर के मामले की पहचान होने पर रणनीतिक उपाय करने होंगे। इन पाबंदियों को करें लागू
भूषण ने कहा कि जरूरत पड़ने पर नाइट कर्फ्यू दोबारा लगाया जाए। इसके अलावा लोगों के इकट्ठा होने पर बैन लगाना, विवाह और अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोगों की संख्या को कम करना जैसे कदमों को जरूरत पड़ने पर तुरंत उठाया जाए।
यह भी पढ़ेँः Delhi: राजधानी में Omicron का दूसरा मामला आया सामने, जिम्बाब्वे से लौटा शख्स निकला संक्रमित, जानिए देश में अब कुल कितने मामले इन दो राज्यों में अब भी मुश्किलकोरोना की पहली और दूसरी लहर के बाद से अब तक देश के दो राज्य काफी संघर्ष कर रहे हैं। ये दो राज्य हैं केरल और महाराष्ट्र।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि पिछले 14 दिनों में 10,000 से कम कोरोना केस सामने आए हैं, लेकिन केरल और महाराष्ट्र में एक्टिव केस की संख्या अधिक हैं। जहां केरल में 43 फीसदी एक्टिव केस हैं तो महाराष्ट्र में ये संख्या 10 फीसदी पर है।
ICMR के महानिदेशक बलराम भार्गव के मुताबिक 50 फीसदी से ज्यादा पॉजिटिविटी होने पर जिला स्तरीय प्रतिबंध लागू होंगे।